
Abhishek Piyush
Jamshedpur : लौहनगरी जमशेदपुर में आत्महत्या करनेवालों की तादात साल दर साल बढ़ रही है. आत्महत्या को गले लगानेवाले पुरुषों की संख्या महिलाओं के मुकाबले अधिक है. इनमें भी युवाओं की संख्या सर्वाधिक है. चौंकानेवाली बात यह है कि पारिवारिक समस्या एवं आर्थिक तंगी के कारण भी अब लोग अपनी जीवन लीला समाप्त कर रहे हैं. इतना ही नहीं, आत्महत्या करनेवालों में छात्र भी पीछे नहीं हैं. आत्महत्या के क्षेत्र में यह बढ़ोतरी कोरोना काल में हुई है. यह खौफनाक सच आत्महत्या की रोकथाम के लिए जमशेदपुर में कार्यरत संस्था जीवन ऑर्गनाइजेशन के सर्वे में सामने आया है.
4 माह में 67 लोगों ने गवां दी जान
लौहनगरी में जनवरी से लेकर अप्रैल 2022, तक इन चार महीनों में कुल 67 लोगों ने आत्महत्या कर अपनी जान गवां दी है. आत्महत्या करनेवालों में 43 पुरुष और 24 महिलाएं शामिल हैं. इनमें 45 एज ग्रुप के अंदर सुसाइड करने वालों की संख्या सबसे अधिक (51) है. इसके बाद 45 के ऊपर एज ग्रुप वालों में 16 है. सर्वे के अनुसार इस साल के अप्रैल माह के अंत तक सबसे ज्यादा 62 लोगों ने फांसी लगाकर जान गवाई है. इसके अलावा 02 ने जहर खाकर, 02 लोगों ने चलती ट्रेन के आगे कूदकर एवं एक व्यक्ति ने नदी या तालाब में छलांग लगाकर जान दे दी है. इनमें पारिवारिक समस्याओं के कारण आत्महत्या करनेवावों की संख्या सबसे अधिक 13 है. इसके अलावा सामान्य बीमारी के कारण 03, मानसिक बीमारी के कारण 03, प्रेम प्रसंग के कारण 05, फाइनेशिनयल प्रॉब्लम के चलते 02, बेरोजगारी के चलते 02, दहेज प्रताड़ना के कारण 02, मानसिक तनाव के कारण 06 लोगों ने आत्महत्या कर मौत को गले लगाया है. जबकि 30 लोगों ने आत्महत्या क्यों की, इसका पता नहीं चल पाया है.


2021 में 255 लोगों ने गवां दी जान
जमशेदपुर में दिसंबर 2021 तक कुल 255 लोगों ने आत्महत्या कर अपनी जिंदगी खत्म कर दी. सुसाइड करने वालों में 178 पुरुष और 77 महिलाएं शामिल है. इनमें 45 एज ग्रुप के अंदर आत्महत्या करनेवालों की संख्या सबसे अधिक (कुल 199) है. इसके बाद 45 से ऊपर एज ग्रुप वालों में 56 लोगों ने किसी न किसी कारणवश मौत को गले लगाया है. सर्वे के अनुसार 2021 में पारिवारीक समस्याओं के कारण आत्महत्या करने वालों की संख्या सबसे अधिक 49 है. इसके बाद वित्तीय समस्याओं एवं आर्थिक तंगी के कारण 32 लोगों ने सुसाइड का रास्ता अपनाया है. वहीं आत्महत्या का रूख अख्तियार कर 23 छात्रों ने भी अपनी जान गवां दी है. इसके अलावा बीमारी से तंग आकर 10, मानसिक बीमारी के चलते 13, प्रेम प्रसंग में 09, मानसिक तनाव के कारण 32 लोगों ने आत्महत्या कर खुद को मौत के मुंह में धकेला है. जबकि 116 लोगों ने क्यों अपनी जान गवां दी, इसका पता नहीं चल पाया है.




आत्महत्या के पहले देते हैं संकेत
आत्महत्या के क्षेत्र में काम करनेवाली जीवन संस्था के निदेशक महावीर राम का कहना है कि 75 से 80 फीसदी लोग सुसाइड करने के पहले काफी कुछ प्लान करते हैं. ऐसी स्थिति में सुसाइड करनेवाले लोग कुछ समय पहले चेतावनी या संकेत देना शुरू कर देते हैं. यदि अभिभावक, शिक्षक, सहपाठी या सहकर्मी पूर्वानुमान को समझ लें, तो समाज में काफी हद तक सुसाइड को कंट्रोल किया जा सकता है.
पीड़ित के पहचान को रखा जाता है गुप्त
जीवन संस्था तनाव में रहनेवाले लोगों की मदद के लिए बनायी गयी है. आत्महत्या की सोच रखनेवाले लोग खासतौर पर डिप्रेशन के शिकार होते हैं. ऐसे लोगों को स्पेशल केयर की जरूरत होती है. आत्महत्या निवारण केंद्र जीवन में पीड़ित का निःशुल्क इलाज किया जाता है और बच्चों एवं उनके अभिभावकों के पहचान को भी गोपनीय रखा जाता है.
निःशुल्क परामर्श ले सकते हैं आप
आत्महत्या की रोकथाम के लिए बिष्टुपुर स्थित क्यू रोड में जीवन संस्था 2007 से काम कर रही है. यह संस्था इंग्लैंड से संबद्ध है. यहां पर लोगों को निःशुल्क सलाह दी जाती है. इसके लिए लोग हेल्पलाइन नंबर 9297777499 या 9297777500 पर कॉल कर सकते हैं. हेल्पलाइन नंबर पर सुबह 10 से लेकर शाम 6 बजे तक निःशुल्क परामर्श लिया जा सकता है. यहां आत्महत्या को लेकर पूछे गये सारे सवाल गुप्त रखे जाते हैं. वहीं काउंसलर पीड़ित का नाम भी नहीं पूछते हैं.
पहले प्रयास में 90 फीसद हो जाते हैं असफल
सुसाइड करनेवाले 90 फीसदी लोग अपने पहले प्रयास में असफल हो जाते हैं. परिवार के लोग ऐसी किसी भी घटना को नजरअंदाज नहीं करें, क्योंकि बचे हुए लोग बार-बार आत्महत्या का प्रयास कर सकते हैं, जबतक कि वे सफल न हो जाये. ऐसी अवस्था में परिजन आत्महत्या निवारण केंद्र ले जाकर पीड़ित की काउंसिलिंग करा सकते हैं. या फिर किसी मनोचिकित्सक से उनका इलाज कराया जा सकता है.
- साल 2021 2020 2019
- कुल 255 258 177
- पुरुष 178 174 155
- महिला 77 84 62
- 45 वर्ष तक 199 193 147
- 145 वर्ष के उपर 56 45 30
किस कारण से कितने लोगों ने मौत को लगाया गले
- साल 2021 2020 2019
- पारिवारिक समस्या 49 53 40
- सामान्य बीमारी 10 05 10
- मानसिक बीमारी 13 11 10
- परीक्षा में असफलता 00 07 02
- प्रेम प्रसंग 09 11 05
- वित्तीय समस्या/बेरोजगारी 26 27 18
- विद्यार्थी 23 25 12
- अन्य कारण 116 89 72
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