
Ranchi: ” झारखंड की पृष्ठभूमि में मैंने विद्यार्थियों को सेकंड लैंग्वेज एक्विजिसन में पाया कि उनकी राइटिंग स्किल तो फिर भी ठीक है, पर स्पीकिंग स्किल पर बहुत काम करना है. वे मेहनती हैं. पर दिशा की जरूरत है.”
ये बातें डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के आउटगोइंग कुलपति और दक्षिणी छोटानागपुर के आयुक्त डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने डिपार्टमेंटल ऑफ इंग्लिश लैंग्वेज एंड लिटरेचर ( ई एल एल) के शिक्षक दल से थैंक्स गिविंग मुलाकात के दौरान कही. शिक्षक दल ने कुलकर्णी को मोमेंटो प्रदान किया और विभाग की बेहतरी के लिए मार्गदर्शन प्राप्त किया.
गौरतलब हो कि कुलपति पद पर रहते हुए डिपार्टमेंट ऑफ ई एल एल को स्थापित करने में डॉ कुलकर्णी की अहम भूमिका रही. इस मौके पर उन्होंने कहा कि ” मैंने विभिन्न अनुभवों के दौरान यह पाया है कि हिंदी बोलते वक़्त भी अभ्यर्थी न्यूट्रल एक्सेंट में बात नहीं कर पाते. उनकी पहली मातृ भाषा हावी रहती है. कई अभ्यर्थियों के लिए अंग्रेज़ी थर्ड लैंग्वेज एक्विजिसन है.
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उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को चाहिए कि वे अपने जीवन को ऐसे सांचे में ढालें कि प्रतियोगिता परीक्षा में और किसी भी साक्षात्कार में वे एक ज़िम्मेदार और सुलझे हुए व्यक्तित्व के तौर पर नज़र आयें. वे नियमित तौर से अपने एक बेहतरीन हॉबी पर भी काम करें. डायरी लिखने या नेट सर्फिंग जैसी हॉबी से बचें.




ये इंटरव्यू बोर्ड पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं. इसके बदले कोई संजीदा हॉबी मसलन करेंट अफेयर्स, स्पोर्ट्स, मोबाइल रिपयरिंग आदि को बतौर हॉबी डेवलप करें, जिससे लाइफ स्किल भी बढ़े.
इस मौके पर डिपार्टमेंटल ऑफ ईएलएल के को-ऑर्डिनेटर डॉ विनय भरत, फैकल्टी सौरभ मुखर्जी, कर्मा कुमार, श्वेता गौरव और शुभांगी रोहतगी भी मौजूद रहे.