
Kolkata/Nituriya : केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा बुधवार को बुलाई गयी देशव्यापी एक दिवसीय हड़ताल का कोयला उद्योगों पर भी मिलाजुला असर रहा. बाजार , बैंक, स्कूल प्रतिष्ठान खुले रहे. मिनी बसों, बड़े वाहनो का परिचालन ठप रहा.
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ईसीएल प्रबंधन ने हड़ताल के दौरान आवश्यक सेवाएं बाधित न हो, इससे निपटने के लिए मुख्यालय स्तर से लेकर कोलियरियों तक कंपनी के सुरक्षा गार्ड एवं सीआइएसएफ की तैनाती कर दी थी, ताकि कोयला कर्मियों को डयूटी आने जाने के दौरान कोई रोक नही सके
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पुलिस के जवान किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार दिखे.
ईसीएल मुख्यालय गेट पर श्रमिक संगठन झंडे लेकर सुबह से ही तैनात रहे. पुलिस और सिविक पुलिस के जवान गेट पर किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार दिखे. तृणमूल समर्थकों अपने दलबल के साथ जाकर बंद दुकानों को खुलवाया. मालूम हो कि केंद्र सरकार की आर्थिक, जन, श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियन तीन माह से हड़ताल की तैयारी कर रहे थे. एचएमएस, एटक, सीटू तथा इंटक रेड्डी गुट के प्रतिनिधियों ने हड़ताल सफल बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी.
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कोयला कर्मी ड्यूटी पर उपस्थित हुए
ट्रेड यूनियन प्रतिनिधि बुधवार की सुबह से अपने कार्य क्षेत्र में हड़ताल को सफल बनाने के लिए जुटे हुए थे . परंतु कार्यस्थल पर आने वाले कर्मियों को नहीं रोक पाये. कोयला कर्मी अपने अपने डियूटी पर उपस्थित हुए. खदान क्षेत्रों के लिए अलग-अलग पेट्रोलिंग की टीम तैयार की गयी. पुलिस टीम की विशेष नजर हड़ताल से जुड़ी गतिविधियों पर थी. सभी थाना-चौकी प्रभारियों को निर्देश दिया गया था कि अपने-अपने क्षेत्र में निगरानी रखें,
पेट्रोलिंग टीमों को क्षेत्रों का भ्रमण करने को कहा गया था. हड़ताल में शामिल यूनियनों से कहा गया था कि अप्रिय स्थिति निर्मित न करें. जो कामगार ड्यूटी में जाना चाहते हैं, उन्हें जबरन रोकने का प्रयास न किया जाये. हड़ताल का असर के बारे मे ईसीएल के निदेशक कार्मिक विनय रंजन ने कहा कि हड़ताल का असर ईसीएल पर नहीं पड़ा है. उन्होंने कहा कि ईसीएल के झारखंड क्षेत्र में पड़ने वाले कोयला खदान थोड़ा प्रभावित हुए हैं.
कोयला कर्मियों की उपस्थिति 92 प्रतिशत रही : विनय रंजन
मूग्मा एरिया एवं राजमहल एरिया दो चार घंटे प्रभावित रहे, वहीं कुकुनुसतोड़ीया एरिया के बांसड़ा कोलियरी भी थोड़ा प्रभावित हुई. बाकी सभी जगहों पर सामान्य रहा. श्री रंजन ने कहा कि प्रथम एवं द्वितीय पाली मे कोयला कर्मियों की उपस्थिति 92 प्रतिशत रही. औसतन 1 लाख 50 हजार टन सामान्य कोयले का उत्पादन प्रतिदिन होता है. ईसीएल सूत्रों ने हड़ताल के कारण थोड़ी कमी की संभावना जताई.
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