
Daltonganj: सुखाड़ से प्रभावित रहने वाले पलामू जिले में कुशलयामी किसानों ने सीमित संसाधन में वैज्ञानिक पद्धति से स्ट्रॉबेरी की खेती कर मिसाल कायम की है. यहां हर साल स्ट्रॉबेरी की खेती का भू-भाग बढ़ता जा रहा है. स्ट्रॉबेरी की वैकल्पिक खेती ने यहां के बेरोजगार युवाओं के चेहरे पर मुस्कान ले आयी है.
उपायुक्त ने लिया जायजा
पलामू जिले के हरिहरगंज में एनएन 98 किनारे कौआखोह में कुशलयामी किसानों द्वारा वैज्ञानिक पद्धति से की जा रही है. नयी तकनीक से स्ट्रॉबेरी की खेती में लगातार मिल रही सफलता को देखते हुए जिले के उपायुक्त डॉ शांतनु कुमार अग्रहरि ने खेतों का मुआयना किया.
चार से 12 एकड़ में बढ़ी खेती
यहां के किसानों ने जिले के उपायुक्त को बताया कि पिछले साल 4 एकड़ जमीन में स्ट्रॉबेरी का उत्पादन किया गया था. इस साल यह खेती 12 एकड़ के खेतों में हो रही है. हरिहरगंज प्रखंड की यह पंचायत फोकस एरिया के निकटवर्ती गांव है और यहां बहुत ज्यादा बेरोजगारी है.
रोजगार के बढ़े अवसर
स्ट्रॉबेरी की खेती से यहां के किसान ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं. साथ ही साथ ज्यादे से ज्यादा लोगों को इससे जोड़कर क्षेत्र में बेराजगारी को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. स्ट्रॉबेरी की नयी खेती और इससे होने वाली आय के बारे में जानने के बाद दूसरे जिले के किसान भी इसमें अपनी रूचि दिखा रहे हैं. स्ट्रॉबेरी की खेती से उनके जीवनस्तर में बदलाव आ रहा है.
उपायुक्त बोले- स्ट्रॉबेरी हब बनेगा हरिहरगंज
स्ट्रॉबेरी के खेतों का जायजा लेने के दौरान उपायुक्त यहां के किसानों खेती से जुड़ी जर जानकारी ली. इस दौरान उन्होंने हरिहरगंज प्रखंड को ‘स्ट्राबेरी हब’ के रूप में चिन्हित करते हुए फोकस एरिया व दूसरे गांवों को मिलाकर करीब 30 एकड़ जमीन में खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया. मौके पर उपायुक्त ने कहा कि स्ट्रॉबेरी की नर्सरी के लिए पॉली हाउस बनाया जायेगा, जिससे किसानों को आसानी से स्ट्रॉबेरी पौधे मिल सकेगा.
इसे भी पढ़ें: देखें वीडियोः कैसे गिड़गिड़ाती रही मां और महिला पुलिसकर्मी ने दिया धक्का, ईगो में बेटे को भेजा जेल