
Ranchi : पूर्व सीएम और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया है कि राज्य में घुसपैठियों को सरकार का संरक्षण मिल रहा है. आज पार्टी कार्यालय में प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश की सरकारों से घुसपैठ के बारे में जवाब मांगा था. इस पर राज्य सरकार ने अपने हलफनामे में जो जवाब दिया है, उससे साफ लगता है कि राज्य सरकार बड़ी तादाद में राज्य में घुस चुके घुसपैठियों को बचाने की कोशिश कर रही है. रोहिंग्याई, बांग्लादेशी घुसपैठिये न सिर्फ प्रदेश में अलग अलग जगहों पर आबादी का डेमोग्राफी बदल रहे हैं बल्कि अशांति भी फैला रहे हैं. पिछले दिनों राज्य में जगह जगह पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे. गिरिडीह में पंचायत चुनाव में नामांकन दाखिल करते समय और हजारीबाग में दो दिनों पहले पंचायत चुनाव में जश्न मनाते समय भी पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे. यह बताता है कि विदेशी ताकतें और घुसपैठिये यहां सक्रिय हैं. वे सिर चढ़ कर जिंदाबाद कर रहे हैं. इसे रोकने में विफल राज्य सरकार इन्हें संरक्षण दे रही है. वार्ता में प्रवक्ता सरोज सिंह समेत अन्य भी उपस्थित थे.
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अलार्मिंग सिचुएशन



बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आज हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही झारखंड सरकार में रोहिंग्या, बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण मिल रहा है. ऐसे घुसपैठियों के कारण खास तौर पर संथाल में विकट स्थिति बन रही है. वे सरकार से मांग करते हैं कि उन इलाकों में एक सर्वे होना चाहिए. संतालपरगना में पाकुड़, साहेबगंज में डेमोग्राफी बदली है. घुसपैठियों ने राशन कार्ड से लेकर घर तक बना लिया है. घुसपैठियों के कारण स्थानीय लोग पलायन कर रहे हैं. सर्वे के जरिये इन्हें चिन्हित कर बाहर किया जाना जरूरी है. ऐसा नहीं करने पर संताल, आदिवासियों, पहाड़िया का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा.



राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिये अपने एफिडेविट में गोल मटोल जवाब दिया है. केवल हजारीबाग में एक डिटेंशन सेंटर की बात कह रही है. बाहरियों को चिन्हित कर उन्हें बाहर करने पर वह मौन रही. उल्टे वह घुसपैठियों को संरक्षण दे रही. उसे वोट बैंक बनाया जा रहा. यह देश, समाज के लिए खतरनाक स्थिति है. अलार्मिंग सिचुएशन है.
पुलिस जांच में खुलासा
पिछले दिनों राज्य के कई हिस्सों में दंगा हुआ था जिसमें से लोहरदगा का मामला प्रमुखता से आय़ा था. पुलिस ने अपनी जांच में इस दंगे के पीछे स्लीपर सेल का हाथ बताया था. पहले भी सरकार की एजेंसी ने जांच कर सरकार को रिपोर्ट सौंपी है. पर उस पर एक्शन नहीं लेने से घुसपैठियों का मनोबल बढ़ रहा है. जब कोरोना प्रारंभ हुआ था, उस समय भी उन्होंने आवाज उठायी थी. कुछ बांग्लादेशी पकड़ाये थे. एक मंत्री ने रातों रात बांग्लादेशियों को रातों रात गाड़ियों की व्यवस्था कर संताल में झारखंड बॉर्डर के पास स्थित बंगाल के पास भिजवा दिया था. उन्होंने इसकी जांच के लिए पत्र भी लिखा था. जो स्थिति है, आने वाले समय में लोकसभा और विधानसभा का जब परिसीमीन-पुनर्गठन होगा तो संथाल की रिजर्व सीट भी अनरिजर्व हो जायेगी. सरकारी उदासीनता के कारण स्थानीय का रोजगार मारा जा रहा, उसकी हकमारी हो रही. अब तो अब सरहुल जैसे जुलूस को भी रोकने का दुस्साहस घुसपैठिये कर रहे हैं.
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