
- दलमा आश्रयणी के 13 नाकाओं पर वन कर्मी मुस्तैद, 15 पेट्रोलिंग टीम लगा रही गस्त.
- पांच और छह मई को जनजातीय समुदाय द्वारा पारंपरिक विशु शिकार का किया गया है आयोजन.
Ranchi : राज्य सरकार ने विशु शिकार को अवैध घोषित किया है. इस मसले को लेकर वन विभाग ने शुक्रवार को निर्देश भी जारी किया है. जारी निर्देश में कहा गया है कि दलमा आश्रवणी में पांच व छह मई 2019 को जनजातीय समुदाय द्वारा विशु शिकार किया जायेगा जो वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत पूरी तरह से गैर कानूनी है.
इस अवैध शिकार के रोकथाम के दौरान शांति एवं विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिये अनुमंडल पदाधिकारी, धालधूम द्वारा पांच मई को अपराह्न तीन बजे से छह मई 2019 तक पटमदा, कमलपुर, बोड़ाम, मानगो, एमजीएम, गोविंदपुर, हाता चौक एवं मानगो में दंडाधिकारी व पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गई है.


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गैर पारंपरिक हथियार जाल और फांस प्रतिबंधित
दलमा के पूरे इलाके में गैर पारंपरिक हथियार जाल और फांस को प्रतिबंधित कर दिया गया है. ट्रेन से आने-जाने वाले लोगों पर नजर रखी जा रही है. तीर-धुनष लेकर आने वालों पर भी वन विभाग की पैनी नजर है.
वन विभाग ने दलमा के 13 नाकाओं पर वन क्षेत्र पदाधिकारी, वनपाल और वनरक्षी की तैनाती कर दी है. वहीं 14 पेट्रोलिंग टीम बनाई गई है जो पूरे क्षेत्र की पेट्रोलिंग कर रही है. इसमें वन विभाग के 150 से अधिक अफसरों व कर्मियों को लगाया गया है.
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वन विभाग की अपील, धार्मिक और सांस्कृतिक रूप में मनायें विशु शिकार
वन विभाग ने जनजातीय समुदायों से अपील की है. इस विशु शिकार की परंपरा को सांकेतिक रूप से मनायें. इसे धार्मिक और सांस्कृति रूप से आयोजित करें. पारंपरिक शस्त्रों की पूजा करें. जानवरों को नुकसान न पहुंचायें. वन विभाग का तर्क है कि जानवरों की संख्या कम हो गई है. दलमा में हाथी, भालू, हिरण के आलावा कई तरह की चिड़ियों की प्रजाति पाई जाती है. ऐसे में जंगली जानवरों का संरक्षण जरूरी है.
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क्या कहते हैं दलमा डीएफओ
दलमा के डीएफओ चंद्रमौली सिन्हा ने बताया कि जनजातीय समुदायों के गणमान्य लोगों ने वन विभाग को पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया है. जानवरों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये गये हैं. सभी नाकाओं पर चौकसी बरती जा रही है.