
Chhaya
Ranchi : राज्य में युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए स्टार्टअप पॉलिसी 2016 लागू की गयी. पिछले चार सालों के स्टार्टअप के कार्यों के देखें तो योजना की सफलता की जानकारी हो जायेगी. स्टार्ट अप योजना आइटी विभाग के अंतर्गत है.
22 और 23 जून को विभाग की ओर से आयोजित हैकेथॉन में चयनित 49 में से 15 स्टार्टअप उद्यमियों को प्रोटोटाइप ग्रांट दिया गया. लेकिन इन 15 उद्यमियों में से मात्र एक उद्यमी को ही बाजार उपलब्ध कराया गया है. वो है ई ज्ञान सागर.
प्रोटो टाइप के तहत 15 उद्यमियों को लगभग दस लाख रूपये तक की ग्रांट दी गयी. भले ही राज्य में स्टार्ट अप पॉलिसी 2016 में घोषित की गयी हो. लेकिन पॉलिसी के तहत उद्यमियों का चयन 2018 में किया गया. तब तक अटल बिहारी इनोवेशन लैब के पास 297 आवेदन आये थे. जिसमें से 49 उद्यमियों का चयन किया गया.
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इस साल सौ से अधिक आये आवेदन, चयनित हुए 46
साल 2019 की बात करें तो इस साल अटल बिहारी इनोवेशन लैब के पोर्टल में लगभग सौ से अधिक आवेदन आये. इसमें से 46 उद्यमियों का चयन किया गया. साल 2018 से अब तक देखें तो चार सौ से अधिक आवेदन आये, जिसमें से 95 आवेदन अब तक स्टार्ट अप के लिए चयनित हुए. इन स्टार्टअप उद्यमियों का चयन स्टेट इवॉल्यून बोर्ड एसईबी की ओर से की जाती है. जो इस साल दो बार की गयी.
साल 2016 से देखें तो राज्य में एसईबी की बैठक साल 2018 में की गयी. वो भी सिर्फ दो बार. स्टार्टअप पॉलिसी की मानें तो हर चार माह में एक एसईबी बैठक होनी चाहिए. जिसमें आवेदित उद्यमियों के इन्नोवेटिव आइडिया समेत इंटरव्यू लेकर उनका चयन किया जा सके.
लेकिन राज्य में ऐसा नहीं हो रहा है. गौरतलब है कि राज्य में स्टार्ट अप से जुड़े कार्यों को अटल बिहारी इनोवेशन लैब देखती है. लैब के अंतर्गत की एसईबी बैठक का आयोजन किया जाता है.
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और 7 लोगों को मिलना है ग्रांट, काम के अनुसार दिया जा रहा सपोर्ट
इस संबंध में अटल बिहारी इन्नोवेशन लैब के सीईओ और आइटी विभाग के निदेशक यूपी साह ने कहा कि जिन उद्यमियों को ग्रांट दी गयी है. उनके खर्च करने और आइडिया में प्रोग्रेस के बाद ही मार्केट उपलब्ध कराया जाता है. अब तक एक ही स्टार्ट अप को मार्केट सपोर्ट दिया गया.
उद्यमी जैसे-जैसे आते हैं उनको सहयोग किया जा रहा है. फिलहाल स्टार्ट अप पॉलिसी के प्रचार- प्रसार पर ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में अन्य सात लोगों को ग्रांट दी जायेगी. उद्यमी जैसे काम करते हैं, वैसे ही उन्हें फाइनेंशियल सपोर्ट भी दिया जाता है.
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