
Ranchi: राज्य के किसानों को चिह्नित कर सोलर पंप दिया जा रहा है. सोलर पंप कुसुम योजना के तहत दिया जा रहा है. योजना के तहत केंद्र सरकार की चयनित एजेंसियां किसानों के बीच सोलर पंप बांट रही है. राज्य सरकार पंप वितरण के लिये अपने स्तर से एजेंसियों का चयन करना चाहती थी. इस बाबत साल 2019 से राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार से पत्राचार किया जा रहा था. उर्जा विभाग और जेरडा की ओर से केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया.

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लेकिन अब केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के इस आग्रह को नामंजूर कर दिया है. केंद्र सरकार की ओर से जरेडा को अन्य 27 एजेंसियों के नाम सुझाये गये हैं. इन्हीं एजेंसियों से काम पूरा करने का निर्देश दिया गया है. बता दें किसानों को सोलर पंप साल 2018-19 में ही बंटने थे. लेकिन एजेंसियों की धीमे कार्य के कारण अभी सोलर पंप बांटने का कार्य जारी है.
जरेडा की ओर से पिछले साल मई से ऊर्जा मंत्रालय से पत्राचार किया गया. जिसमें केंद्र सरकार से एजेंसी का चयन राज्य स्तर पर करने की मांग की गयी थी. योजना के तहत केंद्र सरकार ने एजेंसी का चयन किया था. लेकिन एजेंसियों ने काम पूरा करने में रूचि नहीं दिखायी. योजना की मॉनिटरिंग केंद्र सरकार कर रही थी. जिसमें रिपोर्ट की मांग की जा रही थी. ऐसे में बार बार राज्य सरकार के पत्राचार के बाद केंद्र ने अन्य एजेंसियों का नाम सुझाव किया. फिलहाल टाटा सोलर पावर, सीआरआई पंप, पर्ल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, इलेक्ट्रॉमा एनर्जी शामिल है. वहीं, वीआरजी और सोलेक्स एजेंसी भी इस पर काम करेगी.
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केंद्र सरकार सरकार कर रही 30 फीसदी फंडिंग: योजना के तहत किसानों को मुफ्त में सोलर पंप दिया जाना है. जरेडा की मानें तो अब तक छह हजार किसानों को सोलर पंप बांटा गया है. वहीं, चार हजार और किसानों को पंप दिया जाना है. जरेडा इस लक्ष्य में पीछे है. केंद्र सरकार इस योजना में 30 फीसदी फंडिंग कर रही है. राज्य सरकार अगर अपने स्तर से एजेंसियों का चयन कर योजना पूरी करती तो, केंद्र सरकार फंड रोक सकती थी.