
Chandigarh: क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के बीच अंदर ही अंदर सुलग रहा गुस्सा कई मौकों पर सामने आया है.
कुछ ऐसा ही वाकया गुरुवार को भी हुआ. जहां टिकट कटने से नाराज नवजोत कौर सिद्धू की उनके पति और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने वकालत की.
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नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के कुछ दिन पहले दिये गये बयान का गुरुवार को यह कहते हुए समर्थन किया कि वह ‘कभी झूठ नहीं बोलेंगी.’


गौरतलब है कि नवजोत कौर सिद्धू ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह एवं कांग्रेस की वरिष्ठ नेता आशा कुमारी पर अमृतसर से लोकसभा टिकट नहीं दिए जाने का आरोप लगा कर विवाद खड़ा कर दिया था.
‘मेरी पत्नी कभी झूठ नहीं बोलेगी’
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू से जब उनकी पत्नी के आरोपों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मेरी पत्नी नैतिक रूप से इतनी मजबूत हैं कि वह कभी झूठ नहीं बोलेंगी. यही मेरा जवाब है.”
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हालांकि मुख्यमंत्री ने पटियाला में इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें अमृतसर या बठिंडा सीट से कांग्रेस की टिकट की पेशकश की गई. लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था.
टिकट देने का फैसला आला कमान का- कैप्टन
साथ ही सिंह ने कहा कि चंडीगढ़ लोकसभा सीट से कौर को टिकट नहीं मिलने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी. क्योंकि टिकट बंटवारे का काम दिल्ली में कांग्रेस के आला कमान ने किया था और उन्होंने पवन कुमार बंसल को चुना.
कांग्रेस नेता एवं पूर्व विधायक नवजोत कौर सिद्धू ने 14 मई को आरोप लगाया था कि अमरिंदर सिंह एवं पार्टी के पंजाब मामलों की प्रभारी आशा कुमारी ने यह सुनिश्चित किया कि उन्हें अमृतसर संसदीय क्षेत्र से टिकट न मिले.
चंडीगढ़ लोकसभा सीट से भी टिकट चाह रहीं कौर ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने दावा किया है वह अपने दम पर कांग्रेस को राज्य की 13 संसदीय सीटें दिला पाने में सक्षम हैं.
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उन्होंने अमृतसर में संवाददाताओं से कहा था, “कैप्टन साहब और आशा कुमारी सोचते हैं कि मैडम सिद्धू (नवजोत कौर) सांसद का टिकट पाने के योग्य नहीं हैं.
अमृतसर से मुझे टिकट इस आधार पर नहीं दिया गया कि अमृतसर में दशहरा के मौके पर हुए ट्रेन हादसे (पिछले साल अक्टूबर में जिसमें 60 लोग मारे गए थे) की वजह से मैं जीत नहीं पाऊंगी. कैप्टन एवं आशा कुमारी ने कहा था कि मैडम सिद्धू जीत नहीं सकती हैं.”
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