
Ranchi: सातवीं जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के उम्र के कट ऑफ डेट के खिलाफ चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई बुधवार को जारी रहेगी. सातवीं जेपीएससी परीक्षा के लिए सरकार ने शुरू में उम्र सीमा के लिए कट ऑफ डेट एक अगस्त 2011 निर्धारित की गयी थी. बाद में सकार ने इसे वापस ले लिया और नयी नियमावली बनाते हुए फिर से विज्ञापन जारी किया. नए विज्ञान में उम्र सीमा के लिए कट ऑफ डेट एक अगस्त 2016 कर दी गयी.
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सरकार के इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी है और कई याचिकाएं दायर की गयी हैं. मंगलवार को इस पर सुनवाई करते हुए प्रार्थियों की ओर से पक्ष रखते हुए वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने अदालत को बताया कि नए कट ऑफ डेट निर्धारित करने से बड़ी संख्या में विद्यार्थी परीक्षा में शामिल होने से वंचित हो जाएंगे. इसमें वैसे भी अभ्यर्थी हैं जो नौकरी और कई सालों से तैयारी में जुटे हैं जिन्हें पहले निकाले गए विज्ञापन से उम्मीद बंधी थी. इसलिए सरकार को कट ऑफ डेट बदलते हुए एक अगस्त 2011 ही करना चाहिए.
इस पर कोर्ट ने सरकार से पूछा कि सरकार ने जब पहले कट ऑफ डेट वर्ष 2011 रखा था तो इसमें बदलाव क्यों किया गया. इस बदलाव से हजारों लोग परीक्षा में शामिल होने से वंचित हो जाएंगे. सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि यह सरकार का नीतिगत निर्णय है और कट ऑफ निर्धारण की तिथि भी सही है. किसी भी कट ऑफ डेट को सिर्फ इस आधार पर नहीं बदला जा सकता कि इससे हजारों लोग वंचित हो जाएंगे. मामले की सुनवाई बुधवार को भी जारी रहेगी.
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