
Ranchi: जानकारी के अनुसार राहे के रामकृष्ण मिशन आश्रम से भागे हुए सात बच्चों को बुधवार को बाल कल्याण समिति रांची के समक्ष प्रस्तुत किया गया. इनकी आयु छह वर्ष से नौ वर्ष के बीच है. सभी बच्चे खूंटी जिले के रहने वाले हैं. इन्हें पढ़ाने के नाम पर रामकृष्ण मिशन आश्रम की राहे शाखा में रखा गया था.
लेकिन मारपीट से तंग आकर बच्चे वहां से मंगलवार की रात को भाग गये थे. गए थे. ये सभी बच्चे रेलाडीह गांव के पास एक झाड़ी के निकट मिले. जिन्हें रात्रि 11 बजे एक भोज कार्यक्रम से लौट रही युवती ने देखा. उन्होंने बच्चों को रातभर अपने घर में रखा. दूसरे दिन इसकी सूचना पुलिस को दी.
बच्चों की हुई काउंसलिंग


दूसरे दिन ही इंस्पेक्टर सह बुंडू थाना प्रभारी राजकुमार यादव बच्चों को लेकर थाने आये और इनके अभिभावक और आश्रम के प्राचार्य को इसकी जानकारी दीशाम में बच्चों को रांची लाकर सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत किया. फिर बच्चों की काउंसलिंग की गयी. काउंसलिंग में तनुश्री सरकार, सदस्य प्रतिमा तिवारी और कौशल किशोर व श्रीकांत कुमार शामिल थे. बच्चों ने बताया कि उन्हें पढ़ाने के नाम पर आश्रम ले जाया गया था.




लेकिन उनसे अन्य काम कराये जाते थे. प्रायः बच्चों से कृषि कार्य कराया जाता था. खाना भी ठीक से नहीं दिया जाता था और मारपीट भी की जाती थी. काउंसलिंग में ही खुलासा हुआ कि बच्चों को बहला कर एजेंट किस्म के लोग पढ़ाने के नाम पर ले गये थे. ये बच्चे ठीक से हिंदी भी नहीं बोल पाते हैं. इनको अक्षर ज्ञान भी नहीं है पूछताछ में पता चला है कि आश्रम में 55 गरीब बच्चे हैं.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
इस मामले में श्रीकांत कुमार, सदस्य, बाल कल्याण समिति, रांची ने कहा कि पूछताछ में पता चला है कि बच्चों के साथ मारपीट होती थी. भोजन नहीं दिया जाता था. सभी बच्चे खूंटी के रहने वाले हैं. पढ़ाई के नाम पर ले जाकर काम करवाया जाता था.
मामले की जांच होने की बात कही जा रही है.