
Bokaro: बोकारो के एचएससीएल एडीएम के एसबीआई शाखा में लॉकर से चोरी के बाद बोकारो के 76 परिवार पूरी तरह से बर्बाद हो गए है. अब इन परिवारों को कोई भी दिलासा देते हुए नहीं दिख रहा है. बोकारो पुलिस भी सिर्फ जांच का आश्वासन देकर लोगों से पिंड छुड़ाने का काम कर रही है. लोगों को पुलिस की जांच पर भी कोई भरोसा नहीं दिख रहा है. वहीं बैंक के अधिकारी भी पीड़ित लोगों से सीधे मुंह बात तक नहीं कर रहे हैं. बैंक परिसर में लॉकर टूटने के बाद प्रभावित हुए लोगों का जमावड़ा लगा हुआ था.
इसे भी पढ़ेंः बोकारो के SBI एडीएम शाखा में खिड़की तोड़ चोरों ने साफ किये 76 लॉकर
बैंक के रवैये से पीड़ितों में नाराजगी
सभी लोग अपनी-अपनी संपत्ति का ब्यौरा तैयार कर बैंक को दे रहे थे, लेकिन बैंक मैनेजर की ओर से भी किसी प्रकार का कोई आश्वासन उन परिवारों को नहीं दिया जा रहा है. जिससे आम लोगों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है. लोगों का कहना है कि जब हर साल बैंक के द्वारा किराया लिया जाता है, तो फिर हमारे सामानों की सुरक्षा की गारंटी बैंक की होती है. क्योंकि बैंक के लॉकर को लोग सुरक्षित समझते हैं. जिसके कारण ही अपनी संपत्ति को यहां के लॉकर में बंद रखते हैं, लेकिन अब जिस तरह से घटना के बाद बैंक की ओर से उन पर रवैया अपनाया जा रहा है उसे वह काफी परेशानी में हैं.
रात को एसपी से मिले थे प्रभावित परिवार
बुधवार रात जिले के एसपी से प्रभावित परिवार के लोग मिलने गए थे, लेकिन एसपी ने भी उन्हें सिर्फ जांच का आश्वासन ही दिया था. बोकारो पुलिस स्मार्ट होने का दावा तो जरुर करती है, लेकिन पुलिस की गश्ती व्यवस्था पूरी तरह से फेल रही. जबकि बोकारो पुलिस को कई प्रकार के आधुनिक पेट्रोलिंग वाहन भी उपलब्ध कराए गए हैं. दिनभर हुटर बजाते हुए पुलिस घूमती रहती है, वही बैंक से कुछ ही दूरी पर बोकारो पुलिस का यातायात थाना भी है. जहां पर हर वक़्त पुलिस का आना जाना लगा रहता है.
इसे भी पढ़ेंः डिस्टलरी तालाब ही को जब पार्क बनाना था तो पुल के लिए पौने तीन करोड़ क्यों किए खर्च ?
जब बैंक में संपत्ति सुरक्षित नहीं तो घर में कैसे होगी सुरक्षित
घटना को तीन दिन बीतने को हैं लेकिन बोकारो पुलिस के हाथ कोई ठोस सुराग नहीं लग पाया है. लोगों का कहना है कि जब बैंक में उनकी संपत्ति सुरक्षित नहीं है तब वह अपनी संपत्ति को घर में कैसे रखेंगे. लोगों का कहना है कि जब दिन भर बैंक खुली रहती है तो काफी संख्या में पुलिस के जवान बैंक के आसपास घूमते रहते हैं लेकिन जब बैंक बंद रहता है तो वे कभी नजर नहीं आते हैं जिसके कारण चोरों ने इसका फायदा उठाया और उन्हें कंगाल कर गए.
पीड़ितों ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग
बैंक के सामने कलावती कुमारी, विनय कुमार सिंह, एस के श्रीवास्तव, आरआर मिश्रा, गोरखनाथ सिंह आदि ने बताया कि उनकी तो पूरी जीवन भर की कमाई चली गई. अब बैंक की ओर से भी किसी तरह का कोई भरोसा नहीं दिया जा रहा है, जिसके कारण उनके परिवारों की स्थिति काफी खराब हो गई है, जबकि जिस तरह से लॉकरों को तोड़ा गया है उससे संदेह होता है. लॉकर कोई स्क्रूड्राइवर से खोलने का काम किया गया है. पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग मुख्यमंत्री से करेंगे.
इसे भी पढ़ेंः राहुल ने बीजेपी पर लगाया संविधान पर हमला करने और झूठ बोलने का आरोप
नावाडीह में भी आयरन चेस्ट को तोड़ने का हुआ था प्रयास
एक महीने पहले भी नावाडीह के बैंक ऑफ इंडिया में चोरों ने इसी तरह से दीवार को काटकर अंदर चोरी करने का प्रयास किया था, लेकिन सुबह हो जाने के कारण सभी चोर गैस कटर को वहीं छोड़ कर चले गए थे. उनकी योजना आयरन चेस्ट को तोड़ने की थी. जानकारों की मानें तो एक बड़ा रैकेट इस घटना को अंजाम देने में लगा हुआ था, जिसने इस घटना को अंजाम देकर काफी बड़ा झटका बोकारो के लोगों को दिया है.
इसे भी पढ़ेंः बाली की खूबसूरती पर दाग लगा रहा समुद्री तटों पर फैला कचड़ा, आपात की घोषणा
न्यूज विंग एंड्रॉएड ऐप डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पेज लाइक कर फॉलो भी कर सकते हैं.