
Dhanbad : धनबाद के न्यायालय में शनिवार को एक नाबालिग लड़की ने द्वारा न्यायाधीश के सामने ऐसा बयान दिया, जिसने सबको सन्न कर दिया. सोलह साल की नाबालिग लड़की ने प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी रितू कुजूर की अदालत में धारा 164 के तहत दिए गए बयान में कहा, बचा लीजिए जज साहिबा ! इंसाफ कीजिए ! हुजूर… मैं पढ़ना चाहती हूं और मेरी सगी मां मुझसे गलत धंधा कराना चाहती है. आगे उसने कहा कि मेरी सगी मां, पिता और भाई का सीतारामपुर की बाइजी पाड़ा में वेश्यावृति का धंधा है. मां ने मेरा भी सौदा मुंबई के अजीत मंत्री और तमन्ना मंत्री से कर दिया है. मुझे मेरी अपनी ही मां ने बेच दिया है बेच दिया है. मैं वहां नहीं जाना चाहती. आप इंसाफ कीजिए.
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बड़ी बहन को भी गलत धंधे में ढकेला
सोलह वर्षीया किशोरी ने प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी रितू कुजूर की अदालत में बयान दिया कि उसकी दो बड़ी बहने हैं. वो दोनों भी वेश्यावृति नहीं करना चाहती थीं. इसलिए मेरी बड़ी शादी कर गया चली गई थी. लेकिन बड़ी बहन को गया से जबरन उठाकर लाया गय और मुंबई के दलालों को बेच दिया गया. वे मेरी बहन से गलत धंधा कराते थे. लेकिन बहन को बीमारी हो गई और वह मर गई. इससे आगे उस नाबालिग ने बताया कि मंझली बहन सीतारामपुर से भाग कर धनबाद आयी और यहां विवाह कर घर बसा लिया.
सीतारामपुर की बदनाम गलियों से भाग कर आयी पीड़िता न्यायिक दंडाधिकारी रितू कुजूर की अदालत में दिए गए बयान में कहा कि, वह भी किसी तरह से अरपनी मां के चंगुल से भाग निकली और बहन के पास धनबाद आ गयी. बहन और मेरे जीजा ने मुझे पढ़ने के लिए मदरसा में दाखिला कराया. लेकिन अब उसे बहन के घर से जबरन ले जाने की कोशिश की गई. जब मैं नहीं गई तो, मुझे सहारा देने वाले बहन और जीजा पर मां ने अपहरण का केस कर दिया है. बचा लीजिए जज साहिबा.
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डर से धनबाद स्टेशन के सामने सोने को मजबूर
पीड़िता ने अदालत में कहा कि मां ने फोन किया था और मुझसे कहा कि मेरा सौदा अजीत मंत्री से कर दिया गया है. साथ ही फोन पर मुझसे कहा गया कि यदि वापस नहीं आयी तो मर्डर करा देंगे. इसके अलावा मौलाना साहब को भी फोन पर धमकी दी जा रही है. उसने बताया कि अजीत मंत्री ने मेरी बहन को भी फोन कर धमकी दी कि मुझे घर से निकाल दे, नहीं तो घसीट कर ले जाएंगे. लगातार धमकी देने की वजह से हमलोग कभी धनबाद स्टेशन के सामने सोते हैं, तो कभी फाटक पर.
इस तरह न्यायालय में आया मसला
दरअसल पीड़िता की मां ने भूली थाना में केस किया कि उनकी 16 साल की बेटी को उसकी बहन और जीजा कमरे में बंद कर चले गए हैं. केस करने को बाद पुलिस वहां गयी और पीड़िता को मुक्त कराया. लेकिन जब पीड़िता ने हकीकत बतायी तो पुलिस भी सन्न रह गई. चूंकि मुकदमा हो चुका था. इसलिए पीड़िता को न्यायालय लाया गया.
इसके बाद सीतारामपुर की बदनाम गलियों की अमानवीय कहानी सामने आ. अब पीड़िता ने न्यायालय में अपनी मां, पिता, तीन भाइयों और मुंबई में मीरा रोड के पूनम गार्डेन में रहने वाले अजीत मंत्री और तमन्ना मंत्री के खिलाफ शिकायतवाद दर्ज कराया है.
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