
NewDelhi : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद सरकार के तेवर तल्ख है. खबरों के अनुसार पुलवामा हमले के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लिया है. जान लें कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा अलगाववादी नेताओं को मिली सुरक्षा वापस ले ली गयी है. जिन नेताओं से सुरक्षा वापस ली गयी है, उनमें मीरवाइज उमर फारूक, शबीर शाह, हाशिम कुरैशी, बिलाल लोन और अब्दुल गनी भट शामिल हैं. अधिकारियों ने रविवार को जानकारी दी कि इन पांच नेताओं और दूसरे अलगाववादियों को किसी भी तरह से सुरक्षा कवर नहीं दिया जायेगा. बता दें कि हमले के बाद कश्मीर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी (आईएसआई) से संपर्क रखने वालों को दी जा रही सुरक्षा की समीक्षा की जायेगी.
अलगाववादियों को जम्मू-कश्मीर पुलिस सुरक्षा मुहैया कराती है
इससे पहले एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार के सुझाव पर ऐसे व्यक्तियों को मिली सुरक्षा की समीक्षा की गयी, जिनपर आईएसआई के साथ संबंधों का शक है. जम्मू-कश्मीर सरकार के गृह सचिव ने अलगाववादियों को मिली सुरक्षा की समीक्षा करने के बाद यह निर्णय लिया है. जान लें कि ज्यादातर अलगाववादियों को जम्मू-कश्मीर पुलिस सुरक्षा मुहैया कराती है. राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को श्रीनगर में कहा था कि पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई से पैसा लेने वाले लोगों को मिली सुरक्षा की समीक्षा होनी चाहिए. कहा था कि जम्मू-कश्मीर में कुछ लोगों के आईएसआई और आतंकी संगठनों से रिश्ते हैं. उन्हें मिली सुरक्षा की समीक्षा होनी चाहिए.

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