
RANCHI: बरही-कोडरमा फोरलेनिंग काम के लिए ली गयी जमीन के बदले अब तक रैयतों को पूरा मुआवजा नहीं मिला है. अभी भी 120.14 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि का भुगतान लंबित है. जबकि,मुआवजे के रूप में रैयतों के बीच 179.14 करोड़ रुपये वितरित किया जाना है. जिसमें से अभी तक महज 60 करोड़ रुपये ही दिए गये हैं. मुआवजा लंबित रहने की शिकायत कई माध्यमों से सरकार के समक्ष भी आयी थी. इसके बाद मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने इसकी समीक्षा नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों के साथ की. यह बात सामने आयी कि अभी भी रैयतों को 120 करोड़ की राशि वितरित नहीं हुई.
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जमीन के बदले मुआवजा की मांग
राशि वितरण नहीं होने की वजह कई जगह रैयतों के द्वारा अधिक मुआवजा राशि की मांग भी करना है. चंदवारा मौजा में करीब दो किमी सड़क का काम बाधित है. यहां के ग्रामीण-रैयत जमीन के बदले अधिक मुआवजा राशि की मांग कर रहे हैं. मुख्य सचिव ने पूरी स्थिति की समीक्षा करने के बाद कोडरमा उपायुक्त को यह निर्देश दिया है कि वे अपने स्तर से पूरे मामले में पहल कर सुलझाने का प्रयास करें और रैयतों को मुआवजा राशि का भुगतान करायें. हालांकि,यह बात सामने आयी थी कि वहां डीएलओ कोरोना पॉजिटिव थे इसलिए कुछ दिनों तक काम रुका रहा. इस सड़क को करीब तीन साल से बनाने का प्रयास चल रहा है,लेकिन टेंडर बीते साल ही फाइनल हुआ है. इससे पूर्व जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में काफी विलंब हुआ था.
सड़क के फोरलेनिंग का काम जारी
बरही-कोडरमा फोरलेनिंग का काम नेशनल हाइवे डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का हिस्सा है. इसके तहत पहले ही रांची से रामगढ़-हजारीबाग और हजारीबाग से बरही सेक्शन तक फोरलेन सड़क बना दी गयी है. अब बरही से कोडरमा- रजौली तक फोरलेन सड़क बनायी जा रही है. रजौली से बिहारशरीफ तक फोरलेन सड़क बनाने के लिए बिहार सरकार के द्वारा काम प्रारंभ कराया गया है. फिलहाल बरही-कोडरमा सड़क का काम भी प्रगति पर है. कई किमी सड़क फोरलेन हो चुकी है. लेकिन अभी भी कई जगह बाधा है,जिसे दूर करने का काम किया जा रहा है. बता दें,इस फोरलेन सड़क बन जाने से रांची से पटना जाना काफी आसान होगा. फोरलेन सड़क होने से काफी कम समय में पटना पहुंचा जा सकेगा.