
Ranchi: झारखंड में रियल इस्टेट रेगुलेटरी आथोरिटी (झारेरा) बिल्डरों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए बनाया गया था. जिससे कि बिल्डर लोगों को ठग न सके. साथ ही यह भी कानून बनाया गया कि किसी भी प्रोजेक्ट के लिए रेरा से अप्रूवल लेना जरूरी होगा. इसके बावजूद राज्य में रेरा से बिना अप्रूवल लिए ही अपार्टमेंट पर अपार्टमेंट खड़े हो गए. इसका जीता जागता उदाहरण बरियातू रोड में 15 मंजीला लाविस्टा प्रोजेक्ट है. जिसे रेरा ने डॉक्यूमेंट्स के अभाव में रिजेक्ट कर दिया था. इतना ही नहीं आजतक रेरा में इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी डॉक्यूमेंट्स भी जमा नहीं कराए गए है. फिर भी इस अपार्टमेंट में फ्लैट की खरीद बिक्री जारी है. जिससे समझा जा सकता है कि बिल्डर्स को कार्रवाई का कोई डर नहीं है.
इसे भी पढ़ें : झारखंड एरोबिक जिम्नास्टिक प्रतियोगिता के लिए रांची टीम का सेलेक्शन ट्रायल संपन्न



राज्य भर में 305 प्रोजेक्ट रिजेक्ट



रेरा में 900 से अधिक प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड है. जिसमें आफलाइन वाले प्रोजेक्ट ज्यादा है. वहीं अब लोगों को आनलाइन डॉक्यूमेंट उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है. इसके बावजूद बिल्डर्स ने प्रोजेक्ट से जुड़े कागजात जमा नहीं कराया. इस वजह से राज्य में अबतक 305 प्रोजेक्ट को कैंसिल किया जा चुका है. जबकि इसके लिए रेरा की ओर से कई बार बिल्डरों को रिमाइंडर भी भेजा गया.
इसे भी पढ़ें : झारखंड पंचायत चुनावः पति पत्नी आपस में टकराए, वोटरों ने पति को औंधे मुंह गिराया