
New Delhi: कृषि से संबंधित बिल को लेकर सोमवार को देश भर में प्रदर्शन हो रहा है. विपक्ष और किसानों के भारी विरोध के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बिल पर हस्ताक्षर कर दिये हैं. इसके साथ ही कृषि से संबंधित तीन विधेयक अब कानून बन चुके हैं. वहीं कांग्रेस इस बिल का पुरजोर विरोध कर रही है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कृषि बिल के विरोध में प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ट्रैक्टर में आग लगा दी. वहीं पंजाब के सीएम सोमवार को इसके विरोध में धरने पर बैठेंगे, जबकि कर्नाटक में बंद बुलाया गया है.
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कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हंगामा
कृषि बिल को लेकर बवाल जारी है. भारी विरोध के बीच सोमवार सुबह दिल्ली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हंगामा देखने को मिला.
#WATCH: A tractor was set ablaze by unidentified persons near India Gate, today. DCP New Delhi says,”Around 15- 20 persons gathered here & tried to set a tractor on fire. The fire has been doused off & tractor was also removed. Those involved are being identified. Probe underway” pic.twitter.com/IKlOxq4mbj
— ANI (@ANI) September 28, 2020
राजपथ के पास कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक ट्रैक्टर में आग लगा दी. प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर को इंडिया गेट के पास लाकर प्रदर्शन कर रहे थे. हालांकि, दिल्ली पुलिस और फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया.
दमकल अधिकारियों के अनुसार, सुबह सात बजकर 42 मिनट पर घटना की जानकारी मिली और दमकल की दो गाड़ियों को तुरन्त मौके पर भेजा गया. वही पुलिस उपायुक्त (नयी दिल्ली) ईश सिंघल ने बताया कि करीब 15-20 लोग सुबह सवा सात से साढ़े सात बजे के बीच इकट्ठे हुए और उन्होंने ट्रैक्टर में आग लगाने की कोशिश की. आग बुझा दी गई है और ट्रैक्टर वहां से हटा दिया गया है. उन्होंने कहा, मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है. वारदात में शामिल लोगों की पहचान भी की जा रही है.
बिल के खिलाफ किसानों का कर्नाटक बंद
इधर कर्नाटक में विभिन्न किसान संगठनों ने कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) और भूमि सुधार कानून में बीएस येदियुरप्पा सरकार द्वारा संशोधन किए जाने पर विरोध जताने के लिए सोमवार को राज्य में बंद का आह्वान किया है.
किसान संगठन से जुड़े लोग हसन में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही कृषि बिल के खिलाफ बाइक रैली भी निकाली. साथ ही बंद को सफल बनाने के लिए किसानों ने दुकानदारों को फूल देकर बंद का समर्थन करने की अपील की है.
Karnataka: All India Kisan Sabha & other orgs protest in front of Hemavathi statue in Hassan & hold bike rally, in protest against #FarmBills (now laws).
Farmers’ orgs have called statewide bandh today against Farm Bills, land reform ordinances, amendments to APMC & labour laws pic.twitter.com/Wd4BlpAt4M
— ANI (@ANI) September 28, 2020
विधानसभा में इन विधेयकों का विरोध करने वाले विपक्षी दल कांग्रेस और जेडीएस के साथ ही कई कन्नड़ संगठनों ने भी इस बंद का समर्थन किया है. इसके अलावा, कुछ श्रम कानूनों में संशोधन का विरोध करने वाले कई श्रमिक संगठनों ने भी इस बंद के समर्थन की घोषणा की है.
वहीं, राज्य सरकार ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाएगी कि आम जनजीवन से संबधित कार्यालयों और प्रतिष्ठानों के संचालन को प्रभावित नहीं होने दिया जाए. साथ ही जबरन बंद लागू करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी सरकार ने दी है.
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धरने पर बैठेंगे सीएम अमरिंदर
राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद कानून बन चुके कृषि से संबंधित बिल का पूरे देश में विरोध हो रहा है. वहीं किसानों के हित की दलील देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कृषि विधेयकों को राष्ट्रपति की मंजूरी को दुर्भाग्यपूर्ण और निराशाजनक बताया. साथ ही कहा कि उनकी सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए राज्य के कानूनों में संशोधन समेत सभी विकल्पों को खंगाल रही है.
Punjab Chief Minister Captain Amarinder Singh to hold a sit-in protest today against the three farm laws at Khatkar Kalan in Shaheed Bhagat Singh Nagar. pic.twitter.com/pquHXPGRvV
— ANI (@ANI) September 28, 2020
इसके खिलाफ सोमवार को मुख्यमंत्री धरने पर भी बैठेंगे. मुख्यमंत्री सोमवार को शहीद भगत सिंह को उनके समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि देने के बाद खटकर कलां में इन कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी फैसला करने के पहले सभी किसान संगठनों और अन्य हितधारकों को विश्वास में लिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार कीमतों से समझौता किए बिना किसानों का एक-एक दाना खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भविष्य के कदमों के लिए विधि और कृषि विशेषज्ञों के साथ ऐसे सभी लोगों से विचार-विमर्श कर रही है, जो केंद्र के नुकसानदेह विधेयकों से प्रभावित होंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि कानूनी उपाय के अलावा उनकी सरकार पंजाब के किसानों और अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के लिए बनाए गए केंद्र के नए कानूनों को टालने के लिए अन्य विकल्पों को भी खंगाल रही है.
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