
Ranchi : रोजी-रोटी अधिकार अभियान (आरटीएफसी) और अलायंस फॉर सस्टेनेबल एंड होलिस्टिक एग्रीकल्चर (आशा-किसान स्वराज) ने झारखंड सरकार से आग्रह किया है कि फोर्टिफाइड चावल के वितरण को तुरंत बंद किया जाए. अपनी 3 दिवसीय फैक्ट फाइंडिंग यात्रा के बाद टीम के सदस्यों ने आज प्रेस क्लब, रांची में फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट जारी की.
फैक्ट फाइंडिंग टीम में स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ वंदना प्रसाद, आशा-किसान स्वराज से कविता कुरुगंती, आरटीएफसी, झारखंड से बलराम और जेम्स हेरेन्ज तथा अन्य भी शामिल थे. रिपोर्ट में राज्य के गरीब परिवारों, आंगनबाड़ी और स्कूलों में फोर्टिफाइड चावल के वितरण के संबंध में गंभीर चिंताएं जाहिर की गयी है. आरटीएफसी के बलराम ने कहा कि झारखंड मे एनीमिया उच्च स्तर पर है. मुख्यतः आदिवासी जनसंख्या राज्य में है और इनमें थैलेसीमिया और सिकेल सेल, एनीमिया जैसे गंभीर रक्त विकार मौजूद हैं.
ऐसे में आयरन फोर्टिफाइड चावल एनीमिया और कुपोषण से लड़ने का उपाय नहीं है. वास्तव में, फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों पर एफएसएसएआई (FSSAI) के नियमों के अनुसार, अनिवार्य चेतावनी वाली लेबलिंग देने का प्रावधान है.


थैलेसीमिया ग्रसितों को बिना चिकित्सक के सलाह के आयरन-फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ नहीं दिया जाना चाहिये. साथ ही सिकल सेल एनीमिया ग्रसितों को आयरन-फोर्टिफाइड पदार्थ का सेवन नहीं करने की चेतावनी देता है. राज्य सरकार अविलंब इस पर एक्शन ले.




बगैर जानकारी के फोर्टिफाइड चावल का हो रहा वितरण
बलराम ने कहा कि सरकार लोगों को आयरन फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ के सेवन से पड़ने वाले स्वास्थ्य जोखिमों को समझाती है. नियम बनाती है. पर दूसरी ओर, सरकार स्वयं अपनी सभी खाद्य योजनाओं में ऐसे चावल वितरित कर रही है. गरीबों के पास अपनी खाद्य सुरक्षा के लिए पीडीएस पर निर्भर होना विवशता है. साथ ही झारखंड में जनसंख्या-आधारित जांच की कमी के कारण कई थैलेसिमिया और सिकेल सेल एनीमिया से ग्रसित लोगों को शायद यह भी पता नहीं है कि उन्हें यह बीमारी है.
फैक्ट फाइंडिंग टीम के अनुसार, सरकार बिना किसी उचित जानकारी या समुदायों के साथ बातचीत के फोर्टिफाइड चावल वितरित कर रही है. क्षेत्र का दौरा करने से यह भी पता चला है कि बहुत से लोग इस चावल का सेवन करना पसंद नहीं करते हैं.
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खूंटी और पूर्वी सिंहभूम में स्थिति चिंताजनक
फैक्ट फाइंडिंग यात्रा से जुड़ी टीम ने 8, 9 और 10 मई 2022 को खूंटी और पूर्वी सिंहभूम जिलों के पांच गांवों का दौरा किया था. उन्होंने पीडीएस लाभार्थियों, डीलरों, डॉक्टरों, चावल मिल मालिक एवं अन्य जिला स्तर के अस्पतालों के अधिकारियों और मरीजों से मुलाकात की थी.
टीम ने जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय और चाकुलिया विधायक समीर मोहंती से भी भेंट की. टीम के सदस्यों ने संबंधित राज्य स्तरीय अधिकारियों से भी बातचीत की और मंत्री रामेश्वर उरांव से भी मुलाकात करके उनके साथ जानकारी साझा की.
टीम के मुताबिक भारत सरकार ने जल्दबाजी में देश के 257 जिलों में फोर्टिफाइड चावल के वितरण की शुरूआत कर दी है. झारखंड में भी, सरकारी पोर्टल पर उपलब्ध आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि पूर्वी सिंहभूम (राज्य में घोषित पायलट जिला) के दो ब्लॉकों में अक्टूबर 2021 से फोर्टिफाइड चावल वितरित किया जा रहा है.
टीम ने अपनी रिपोर्ट में सरकार को खाद्य योजनाओं में बाजरा, दाल, अंडे, खाद्य तेल और दूध को शामिल करने के अलावा खाद्य सुरक्षा टोकरी विस्तार करने तथा दूसरी सलाह दी है.
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