
Ranchi: साहिबगंज की थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत के मामले की सीबीआइ जांच के लिए दायर याचिका पर शुक्रवार को हाइकोर्ट में सुनवाई दौरान राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस एसके द्विवेदी से कहा कि उन्हें इस मामले की सुनवाई नहीं करनी चाहिए.
इसे भी पढ़ें : धनबाद : स्वतंत्रता दिवस परेड को लेकर जिला प्रशासन की तैयारी पूरी
महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि 11 अगस्त के मामले की सुनवाई समाप्त होने के बाद प्रार्थी के अधिवक्ता का माइक्रोफोन ऑन रह गया था. वह अपने मुवक्किल से कह रहे थे कि इस मामले का फैसला उनके पक्ष में आना तय है. जब प्रार्थी के वकील इस तरह का दावा कर रहे हैं, तो अदालत से आग्रह होगा कि वह इस मामले की सुनवाई नहीं करें.


अन्य वकीलों ने महाधिवक्ता की बातों का किया विरोध




इस दौरान इस मामले से जुड़े अन्य वकीलों ने महाधिवक्ता की इस बात का विरोध किया और कहा कि महाधिवक्ता के इस बयान के रिकॉर्ड में शामिल नहीं किया जाना चाहिए. इस तरह का बयान कोर्ट में देना दुर्भाग्यपूर्ण है. अदालत ने भी इस पर हैरानी जतायी. सभी पक्षों के विरोध के बाद भी महाधिवक्ता और अपर महाधिवक्ता ने अपना स्टैंड नहीं बदला.
इसके बाद अदालत ने महाधिवक्ता के बयान को रिकॉर्ड करते हुए इस मामले को चीफ जस्टिस के पास भेज दिया. अदालत ने कहा कि अब चीफ जस्टिस ही तय करेंगे कि इस मामले की सुनवाई कहां होगी? चीफ जस्टिस के आदेश के बाद मामले की सुनवाई शुरू की जाएगी.बुधवार को इस मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो सकी थी. तब अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 13 अगस्त की तिथि निर्धारित की थी.
रूपा तिर्की के पिता देवानंद उरांव की ओर से अदालत को बताया गया था कि उनकी पुत्री की मौत नहीं बल्कि हत्या की गयी थी. पुलिस इसे प्रेम प्रसंग का मामला बता आत्महत्या का रंग दे रही है. उनकी बेटी की मौत के बाद जिस परिस्थिति में शव मिला था उससे प्रतीत होता है कि वह आत्महत्या नहीं है. पुलिस ने भी रूपा की मौत के बाद उन्हें समय पर सूचना नहीं दी और जब पुलिस अधिकारियों से सवाल किया गया तो उन्होंने ठोस जवाब नहीं दिया.
इसे भी पढ़ें :जातीय जनगणना को लेकर आक्रामक हुए तेजस्वी यादव, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कही ये बात
अदालत को बताया गया कि साहिबगंज में पंकज मिश्र नामक एक राजनीतिक पहुंच वाला व्यक्ति संदेह के घेरे में है. रूपा की मौत के बाद सरकार ने जो एसआईटी बनायी है उसके नेतृत्वकर्ता डीएसपी बनाए गए हैं. उस डीएसपी से पंकज मिश्र की कई बार बात हुई है। प्रार्थी देवानंद के अधिवक्ता ने अदालत में पंकज मिश्र की कॉल डिटेल पेश करते हुए कहा कि एसपी, डीसी और डीएसपी से उसकी लगातार बात हुई है. अदालत को बताया गया कि रूपा तिर्की पंकज मिश्र के पिता से जुड़े और दूसरे महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई कर रही थी। इस कारण उनकी हत्या की साजिश रची गई और इसमें पंकज मिश्र और कुछ पुलिस वाले शामिल हैं.
महाधिवक्ता राजीव रंजन ने इन आरोपों को गलत बताया और कहा कि रूपा तिर्की ने आत्महत्या की है. पुलिस अनुसंधान में यह बात सामने आयी है. रूपा के कॉल डिटेल और टेक्स्ट मैसेज से भी यह प्रमाणित हुआ है कि उसका एक एएसआई से प्रेम प्रसंग चल रहा था. रूपा के मैसेज से भी आत्महत्या की बात सामने आयी है. महाधिववक्ता ने कहा कि रूपा की मौत की जांच के लिए सरकार ने कमीशन ऑफ इंक्वायरी गठित की है. रिटायर चीफ जस्टिस बीके गुप्ता इसकी जांच कर रहे हैं. कोई भी इस मौत के मामले से जुड़ी जानकारी कमीशन को दे सकता है.
इसे भी पढ़ें :दिल्ली में बच्चियों से रेप पर गृह मंत्रालत सख्त, 30 दिनों में चार्जशीट दाखिल करने का निर्देश