
मनरेगा
Ranchi: झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी संजय शांडिल्य को निंदन की सजा दी गयी है. उनके उपर आरोप है कि उन्होंने पूर्वी सिंहभूम के पोटका प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी के पद पर रहते हुए बिना स्थल निरीक्षण किए ही सड़क निर्माण का प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया.
हालांकि, उक्त अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में यह कहा कि 2010 में कालिकापुर पंचायत स्थित गांव में मनरेगा योजना से शैलेज भूमि से मुख्य पथ तक बनायी गयी एक किलीमीटर मिट्टी मोरम पथ निर्माण योजना का स्वंय निरीक्षण किया था. लेकिन विभागीय जांच में यह बात सामने आयी कि वह सड़क एक किमी के बजाए सिर्फ 150 फीट ही पायी गयी.


ऐसे में यह स्पष्ट हुआ कि उक्त योजना का बिना निरीक्षण किए ही बीडीओ प्रमाण पत्र जारी किया गया है. पूरे मामले में तत्कालीन उपायुक्त ने कार्रवाई की अनुशंसा की. कार्मिक विभाग ने इसे कार्य में लापरवाही मानते हुए उक्त पदाधिकारी को निंदन की सजा दी और भविष्य में सचेत रहने की चेतावनी दी है. इस संबंध में कार्मिक विभाग ने अधिसूचना जारी कर दिया है.




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