
Patna : बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अलग-थलग पड़ चुके हैं. मुख्यमंत्री को शराबबंदी के मुद्दे पर सहयोगी दलों का साथ भी नहीं मिल रहा है. विपक्ष का तो नहीं ही मिल रहा है. बता दें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जयसवाल ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा कि नालंदा में जहरीली शराब पीने की वजह से 14 लोगों की मौत हुई. उन्होंने कहा कि अगर शराबबंदी लागू करना है तो सबसे पहले नालंदा प्रशासन द्वारा गलत बयान देने वाले बड़े अफसर की गिरफ्तारी होनी चाहिए.
शराबबंदी कानून को लेकर घिरे नीतीश कुमार
जहरीली शराब कांड पर राजनीतिक तेज हो गई है. इसके बाद एक बार फिर राज्य में लागू शराब बंदी कानून पर सवाल उठाए जाने लगे हैं. इस पर कांग्रेस ने नीतीश सरकार को घेरा है. बिहार विधान मंडल में कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने सरकार से सहयोगी दल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल की शराबबंदी की समीक्षा करने के बयान का समर्थन करते हुए इस पर अविलंब कदम उठाने की मांग की है.
बीजेपी और कांग्रेस की सुर मिलने से सीएम की बढ़ी परेशानी
दरअसल नालंदा की घटना के बाद संजय जयसवाल अपनी ही सरकार के ऊपर आक्रमक नजर आ रहे हैं उन्हें जनता दल यूनाइटेड से तीखे सवाल भी पूछे हैं. बिहार में शराबबंदी को लेकर इस वक्त बीजेपी और जेडीयू के बीच जंग ठनी हुई नजर आ रही है. ऐसे में कांग्रेस ने भी अपने पत्ते खोल दिए हैं कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा शुरू से बात करते रहे कि बिहार में शराबबंदी कानून की समीक्षा होनी चाहिए. ऐसे में अब बीजेपी के सुर से सुर मिला कर कांग्रेस ने नीतीश कुमार की और परेशानी बढ़ा दी है.