
Ranchi: राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में इलाज के लिए आने वाले मरीज पहले से ही परेशान हैं. वहीं ठंड ने उनकी परेशानी को और बढ़ा दिया है. हम बात कर रहे हैं रिम्स के न्यूरो सर्जरी वार्ड की. जहां आज भी गैलरी में जमीन पर मरीजों का इलाज चल रहा है. इस वजह से उन्हें काफी परेशानी हो रही है. इतना ही नहीं ठंड से बचने के लिए उन्हें प्लास्टिक तक लगाना पड़ रहा है जिससे कि ठंडी हवा को रोका जा सके. लेकिन वह भी उनके लिए नाकाफी साबित हो रहा है. इसके बावजूद प्रबंधन का ध्यान गैलरी में इलाज करा रहे मरीजों पर नहीं है. बताते चलें कि गवर्निंग बॉडी की बैठक में निर्णय लिया गया था कि न्यूरो वार्ड में मरीजों का इलाज जमीन पर नहीं होगा.
बेड से दोगुने हैं मरीज
न्यूरो विभाग में न्यूरो आईसीयूए, सेमी आईसीयू, स्क्रीनिंग और वार्ड के सभी बेड को जोड़ दें तो 100 बेड रिम्स न्यूरो में हैं. इसकी तुलना में एडमिट मरीजों की संख्या 200 रहती है. जिससे साफ है कि आधे मरीजों को बेड ही नहीं मिल पाता. वहीं ठंड के कारण उनकी परेशानी भी बढ़ जाती है. ठंड में मरीज और उनके परिजन दिन तो किसी तरह काट लेते हैं, लेकिन उनके लिए रात काटना सबसे ज्यादा कठिन हो जाता है.
नई बिल्डिंग के बाद भी सुधार नहीं
हॉस्पिटल में न्यू ट्रामा सेंटर में इसी साल से मरीजों का इलाज शुरू किया गया. लोगों को उम्मीद थी कि अब मरीजों का इलाज जमीन पर नहीं होगा. चूंकि झारखंड के साथ पड़ोसी राज्यों से भी रिम्स में इलाज के लिए मरीज पहुंच रहे है. लेकिन 100 बेड का सेंट्रल इमरजेंसी सह ट्रामा सेंटर भी कम पड़ जा रहा है. वहीं वार्ड में स्थिति जस की तस बनी हुई है.