
Ranchi : अप्रैल में कोरोना अपने पीक पर था. बेड कम पड़ रहे थे. वहीं मैनपावर के कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. ऐसे में एनएचएम में इंपैनल्ड एजेंसी टीएंडएम कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड को तत्काल आउटसोर्स पर मैनपावर उपलब्ध कराने को कहा गया. इसके बाद एजेंसी ने 750 स्टाफ को नियुक्त कर लिया. इनकी नियुक्ति तीन महीने के लिए करने का आदेश रिम्स प्रबंधन ने जारी किया था.
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साथ ही कहा था कि जरूरत पड़ने पर तीन महीने के लिए इसे बढ़ाया जा सकता है. लेकिन एजेंसी ने एक महीने में ही 125 स्टाफ को हटाने का आदेश जारी कर दिया. इसके बाद स्टाफ आक्रोशित हो गये और प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.
स्टाफ्स का कहना था कि जब जरूरत थी तो जान जोखिम में डाल कर उन्होंने मरीजों की सेवा की. अब जब मरीज कम हो गये तो उन्हें यह कहते हुए हटाया जा रहा है कि बिना रिज्यूम देखे बहाली कर दी गयी थी. वहीं उन्हें कोई ज्वाइनिंग लेटर भी नहीं दिया गया.


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एक महीने काम कराने के बाद हटाया
काम से हटाये जाने के बाद सैंकड़ों की संख्या में एएनएम नर्सों ने मंगलवार को रिम्स के मेट्रोन ऑफिस के पास हंगामा किया. 1 महीने तक काम करवाने के बाद अब कहा जा रहा है कि आपको अटेंडेंस नहीं बनाना है. वहीं एक महीने काम करने के बाद पेमेंट का भी भुगतान नहीं किया गया. साथ ही कहा गया कि अब दोबारा से रिज्यूम की जांच की जायेगी और जो योग्य होंगे उन्हें ही काम पर रखा जायेगा. जबकि ज्वाइनिंग के समय यह भी नहीं पूछा गया कि आप एएनएम है या जीएनएम. इतना ही नहीं यह भी कहा गया था कि नियुक्ति एक साल तक के लिए की जायेगी. स्टाफ का कहना है कि स्टाफ की जरूरत तो और भी हॉस्पिटल में है. इसलिए उन्हें हटाने के बजाय उन हॉस्पिटलों में रख दिया जाये तो उनके सामने भूखे मरनेवाली स्थिति नहीं होगी.
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