
Ranchi: झारखंड के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल रिम्स में व्यवस्था सुधारने को लेकर हाईकोर्ट प्रबंधन को लगातार फटकार लगा रहा है. वहीं अधिकारियों से यहां तक कह दिया गया है कि काम नहीं करना चाहते है तो इस्तीफा दे दे. इतनी फटकार के बाद रिम्स के अधिकारियों की अब नींद खुली है. वहीं मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हेल्प डेस्क की शुरुआत की गई है. इतना ही नहीं एक वाट्सएप नंबर भी जारी किया गया है. जिससे कि इनडोर में मरीजों को दवा नहीं मिलने पर उनकी मदद की जाएगी.

जगह-जगह पर नोटिस बोर्ड
हॉस्पिटल के इनडोर में जगह-जगह नोटिस बोर्ड लगाए गए है. जिसमें लिखा है कि हॉस्पिटल में यथासंभव भर्ती मरीजों को सभी दवाएं मुफ्त में उपलब्ध कराई जा रही है. फिर भी ऐसा संभव हो कि खास समय पर कुछ खास दवाएं उपलब्ध न हो. जो दवाएं बाहर से लाने या डॉक्टरों द्वारा प्रेस्क्राइब किया गया हो उस पर डॉक्टर का सिग्नेचर अवश्य ले. वहीं उसकी कॉपी फार्मेसी के काउंटर नंबर-3 इंफार्मेशन डेस्क पर उपलब्ध करा दे. इसके अलावा 89868-80888 पर वाट्सएप भी कर सकतें है.
पर्ची पर डॉक्टर का साइन जरूरी
प्रबंधन की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि अगर कोई डॉक्टर बाहर से दवा लाने के लिए पर्ची देता है तो उसका साइन भी पर्ची पर कराने को कहा गया है. इससे प्रबंधन के पास रिकार्ड रहेगा कि किस डॉक्टर ने कौन सी दवा बाहर से मंगाई है. साथ ही यह भी चेक किया जाएगा कि उस दिन दवा रिम्स के स्टॉक में थी या नहीं. ऐसे में जरूरी दवाएं मंगाकर प्रबंधन स्टॉक में रखेगा. जिससे कि आने वाले अन्य मरीजों को दवा के लिए परेशानी नहीं झेलनी होगी. हॉस्पिटल से ही उन्हें दवाएं मुफ्त में उपलब्ध करा दी जाएगी.