
- वितरण निगम के एमडी राहुल बोले- घर में खाना नहीं, डेकोरेशन की बात नहीं कर सकते
- जेसिया के सचिव अंजय और वितरण निगम के एमडी हो गये आमने-सामने
- जेसिया के सचिव ने कहा- आठ बार एमडी को ऑनलाइन चिट्ठी भेजी, जवाब नहीं दिया
- कंज्यूमर से मिलने का इंटरेस्ट ही नहीं, ऐसे में क्या अपेक्षा कर सकते हैं
- पुरवार ने कहा- रात के 11 बजे तक फोन अटेंड करता हूं, मिस्ड कॉल पर भी रिस्पॉन्ड करता हूं
Ranchi : झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ने भी झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम को आड़े हाथों लिया. गुरुवार को हुई राज्य सलाहकार समिति की बैठक में नियामक आयोग के सदस्य तकनीक आरएन सिंह ने कहा कि वितरण निगम का वर्क कल्चर नहीं सुधर रहा है. ग्राहकों को देवता मानना होगा. उन्हें कठिनाई हो रही है. अपना वर्क कल्चर चेंज करें. उपभोक्ताओं को जागरूक करें. उपभोक्ताओं को क्वालिटी पावर दें. आज बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में 20 से 22 घंटे बिजली मिल रही है, लेकिन झारखंड में यह स्थिति नहीं है. उपभोक्ताओं की शिकायतों के निष्पादन और एक्सीडेंटल रिपोर्ट भी वितरण निगम ने नहीं दिया है. शत-प्रतिशत मीटरिंग भी नहीं हुई है. हर घर में बिजली पहुंचाना बेहतर काम है, लेकिन यथार्थ और अपेक्षा में गैप है. निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति होनी चाहिए. नये प्रस्ताव में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र को एक श्रेणी में रखने का प्रस्ताव है, लेकिन दोनों जगहों पर पावर की भी स्थिति एक होनी चाहिए.
जेसिया के सचिव और वितरण निगम के एमडी राहुल हो गये आमने-सामने


राज्य सलाहकार समिति की बैठक में उस समय अजीबो-गरीब स्थिति हो गयी जब जेसिया के सचिव अंजय पचेरीवाल और वितरण निगम के एमडी राहुल पुरवार आमने-सामने हो गये. अंजय ने कहा कि आठ बार ऑनलाइन चिट्ठी भेजी, जवाब नहीं दिया. एमडी को कंज्यूमर में कोई इंटरेस्ट नहीं है. ऐसे में क्या अपेक्षा कर सकते हैं? इसके बाद वितरण निगम के एमडी ने राहुल पुरवार एक्शन में आ गये. कहा कि बिना बताये किसी से कैसे मिल सकता हूं. यह कोई इश्यू नहीं है. रात को 11 बजे तक फोन अटेंड करता हूं. मिस्ड कॉल भी रिस्पॉन्ड करता हूं. फिर अंजय ने कहा कि वितरण निगम के जीएम के ऑडर्र के बाद भी एई और जेई छह महीने तक बिजली बिल नहीं सुधारते हैं. फिर पुरवार ने कहा कि यह इश्यू नहीं है. अंजय ने कहा कि काउंटर कीजियेगा, तो मीटिंग छोड़ देंगे. इसके बाद आयोग के अध्यक्ष ने टोका. फिर अंजय ने कहा कि बिल का इंटर्नल अलर्ट भी तो आना चाहिए. पुरवार ने कहा कि एसएमएस सिस्टम आ गया है.




कितने सीएम, मंत्री और चेयरमैन आये, जीरो कट नहीं हुआ
जेसिया के सचिव अंजय पचेरीवाल ने कहा कि कितने सीएम, मंत्री और चेयरमैन आये, लेकिन आज तक जीरो कट पावर नहीं हुआ. सभी ने आश्वासन ही दिया. सुनते-सुनते जमाना निकल गया. रांची का एक भी सब-डिवीजन मॉडल नहीं बन पाया है. जो प्रोजेक्ट दो साल पहले पूरा होना चाहिए था, वह आज तक पूरा नहीं हुआ. इसका भार तो कंज्यूमर पर ही पड़ रहा है. अंडरग्राउंड केबलिंग प्रभावी रूप से एक किलोमीटर भी हुई है, तो वितरण निगम बताये. इंडस्ट्रीयल कंज्यूमर छोड़कर चले जा रहे हैं. आयोग कुछ भी टैरिफ दे, वितरण निगम का हेल्थ सुधरनेवाला नहीं है. फील्ड अफसर 25 फीसदी कंज्यूमर का गलत बिल बनाते हैं. बीके तुलस्यान ने कहा कि एनर्जी और फिक्स चार्ज घटाया जाये.
पहले खाना की व्यवस्था करनी होगी : राहुल पुरवार
झारखंड राज्य बिजली वितरण के एमडी राहुल पुरवार ने कहा कि अगर घर में खाना नहीं है, तो घर के डेकोरेशन की बात नहीं कर सकते. पहले खाना की व्यवस्था करनी होगी. बैठक में सदस्यों से आग्रह है कि जेनरलाइज बातें नहीं करें. स्पेसिफिक इश्यू पर बातें करें और सुझाव दें. वितरण के क्षेत्र में हर दिन चेंज आ रहा है. पिछले तीन साल में पूरी टीम ने बेहतर काम किया है. सभी स्कूल, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केंद्रों तक बिजली पहुंचा दी गयी है. जो बचे हुए हैं, वहां भी जल्द बिजली पहुंचा दी जायेगी. ट्रांसमिशन लाइन का काम पूरा नहीं हो पाया है. गढ़वा आज भी यूपी और बिहार के भरोसे है. ट्रांसमिशन गैप होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली नहीं दे पा रहे हैं. कृषि फीडर का काम अप्रैल तक पूरा होगा. मई से किसानों के लिए अलग से कृषि फीडर काम करने लगेगा. सभी फीडर को अपग्रेड किया जा रहा है. रांची, जमशेदपुर और धनबाद में अंडरग्राउंड केबलिंग का काम हो रहा है. हजारीबाग में जुलूस निकलनेवाले रास्ते में भी अंडरग्राउंड केबलिंग की जायेगी. शहरी क्षेत्रों में ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ायी जायेगी.
ग्रामीण क्षेत्र में बिल कलेक्शन के लिए बिजली सखी
वितरण निगम के एमडी राहुल पुरवार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली बिल कलेक्शन के लिए बिजली सखी को रखा जायेगा. हर कलस्टर के साथ टाइ-अप किया जायेगा. इससे महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा मिलेगा. महिला सखी को बिलिंग और मीटर रीडिंग की ट्रैनिंग दी जायेगी. महिला सखी जितना कलेक्शन का कवरेज बढ़ायेंगी, उसके हिसाब से इनसेंटिव दिया जायेगा या जितना कलेक्शन होगा, उसका परसेंटेज दिया जायेगा. 2020 तक रांची में प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग का काम पूरा हो जायेगा. 500 सब-स्टेशन में स्कॉडा सिस्टम लगेगा. स्कॉडा सिस्टम अप्रैल से काम करेगा.
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