
New Delhi: नकदी संकट से जूझ रहे यस बैंक के ग्राहकों के लिए बुरी खबर है. अगर आपका यस बैंक में अकाउंट है तो आप एक महीने में केवल 50 हजार रुपये ही निकाल पायेंगे. दरअसल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंक के ग्राहकों के लिए 50 हजार रुपये निकासी की सीमा तय की है.
Reserve Bank of India: RBI has in consultation with the Central Govt, superseded the Board of Directors of Yes Bank Ltd for a period of 30 days owing to a serious deterioration in the financial position of Bank. Prashant Kumar, ex-DMD & CFO of SBI appointed as the administrator. https://t.co/bBmn5KeekB
— ANI (@ANI) March 5, 2020
जानकारी के मुताबिक, आरबीआइ का ये आदेश अगले एक महीने के लिए है. निजी क्षेत्र के यस बैंक पर रोक लगाते हुए उसके निदेशक मंडल को भंग कर दिया है. इसके अलावा पूर्व एसबीआई सीएफओ प्रशांत कुमार को यस बैंक का एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया गया है.
आरबीआइ ने ये कार्रवाई बैंक की आर्थिक हालत को देखते हुए की है. बता दें कि यस बैंक बीते कुछ समय से फंड जुटाने के लिए संघर्ष कर रहा है. बता दें कि इससे पहले गुरुवार को ये खबर आयी थी कि केंद्र सरकार ने देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI को यस बैंक में हिस्सेसदारी खरीदने के लिए कहा है.
50,000 की निकासी सीमा तय
बैंक के जमाकर्ताओं के लिए 50,000 रुपये की निकासी की सीमा तय की है. भारतीय रिजर्व बैंकी की सिफारिश पर सरकार ने यस बैंक पर 30 दिन की अस्थायी रोक लगायी है और इस दौरान खाताधारकों के लिए निकासी की सीमा 50 हजार रुपये तय कर दी है.
Mumbai: RBI imposed moratorium for a month on Yes Bank due to ‘serious deterioration in its financial position’, capping withdrawals at Rs 50000. Customers say “We weren’t informed. Wanted to withdraw cash but ATM run out of cash,as many withdrew. We’re in trouble,Holi is coming” pic.twitter.com/aSWcKjA0NK
— ANI (@ANI) March 5, 2020
यानी एक महीने में खाताधारक 50 हजार रुपये से अधिक नहीं निकाल सकेंगे. यदि किसी खाताधारक के इस बैंक में एक से अधिक खाते हैं, तब भी वह कुल मिलाकर 50 हजार रुपये ही निकाल सकेगा. RBI की अधिसूचना में कहा गया है कि शुक्रवार शाम छह बजे से यह रोक शुरू हो गयी है और 03 अप्रैल तक जारी रहेगी.
आर्थिक संकट से जूझ रहा यस बैंक
करीब 15 साल पहले शुरू हुए यस बैंक की आर्थिक हालत खस्ता है. यस बैंक ने जो कर्ज बांटा था उसमें अधिकांश डूब गए हैं है. बैंक पर कर्ज बढ़ता जा रहा है तो वहीं शेयर भी टूट रहा है.
यस बैंक की बदहाली इतनी बढ़ गई है कि सिर्फ 15 महीने के भीतर बैंक के निवेशकों को 90 फीसदी से अधिक का नुकसान हो गया है. बैंक चाहता है कि नई पूंजी जुटाई जाए लेकिन इस काम में उसे दिक्कत आ रही है.
बढ़ते घाटे के कारण ही बैंक ने दिसंबर, 2019 की तिमाही नतीजे भी घोषित नहीं किए हैं. एनपीए की वजह से बैंक की सुरक्षित पूंजी कम हो गई है.
बैंक के शेयर में आई तेजी
इधर गुरुवार को को ये खबर आयी थी कि केंद्र सरकार ने देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI को यस बैंक में हिस्सेरदारी खरीदने के लिए कहा है.
अब यस बैंक में एसबीआई की हिस्से दारी की खबर से बैंक के शेयर में 25 फीसदी से अधिक की तेजी आ गई.
गुरुवार को कारोबार के अंत में यस बैंक का शेयर 36.85 (25.77%) रुपये के भाव पर बंद हुआ. जबकि इससे एक दिन पहले 29.30 रुपये के भाव पर बंद हुआ था.
ग्राहक परेशान
यस बैंक पाबंदी लगाए जाने के बाद बैंक के ग्राहक परेशान दिखे. जमाकर्ताओं को एटीएम से कैश निकालने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. लंबी कतारों में खड़े जमाकर्ताओं को कहीं एटीएम मशीनें बंद पड़ी मिलीं तो किसी एटीएम में पैसा ही नहीं था.
Mumbai: A Yes Bank ATM in Parel runs out of cash as people rushed to withdraw money following Reserve Bank of India’s (RBI) decision to place the bank under moratorium & cap withdrawal limit at Rs 50,000. pic.twitter.com/IIID8Dz0lC
— ANI (@ANI) March 6, 2020
येस बैंक के ग्राहकों की फजीहत और बढ़ गई जब उन्हें इंटरनेट बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से मनी ट्रांसफर करने में भी असुविधा झेलनी पड़ी.