
Mumbai: सरकार के राहत पैकेज के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को रेपो रेट पर फिर कैंची चलायी है. और कोविड-19 संकट के प्रभाव को कम करने के लिए रेपो रेट को 0.40 प्रतिशत घटा दिया. इसके साथ ही ईएमआइ भुगतान को तीन और महीनों के लिए अगस्त तक बढ़ा दिया गया है, ताकि कर्जदारों को राहत मिल सके.
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रेपो रेट में 0.40% की कटौती
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अचानक हुई बैठक में वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए रेपो दर में कटौती का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया. इस कटौती के बाद रेपो दर घटकर चार प्रतिशत हो गई है, जबकि रिवर्स रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है और ये 3.35 प्रतिशत है. जाहिर सी बात है कि रेपो रेट कम होने से आपकी ईएमआइ भी पहले के मुकाबले कम हो गई है.
The repo rate cut by 40 basis points from 4.4 % to 4%. Reverse repo rate stands reduced to 3.35%: Reserve Bank of India (RBI) Governor Shaktikanta Das pic.twitter.com/z9N8fr7vRT
— ANI (@ANI) May 22, 2020
आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली एमपीसी ने पिछली बार 27 मार्च को रेपो दर (जिस दर पर केंद्रीय बैंक बैंकों को उधार देता है) में 0.75 प्रतिशत की कमी करते हुए इसे 4.14 प्रतिशत कर दिया था.
EMI भुगतान को तीन महीनों के लिए अगस्त तक बढ़ाया
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस संकट के कारण कर्ज अदायगी पर ईएमआइ भुगतान को तीन और महीनों के लिए अगस्त तक बढ़ा दिया गया है, ताकि कर्जदारों को राहत मिल सके.
Three-month moratorium we allowed on term loans&working capitals we allowed certain relaxations. In view of the extension of the lockdown&continuing disruption on account of #COVID19, these measures are being further extended by another 3 months from June 1 to Aug 31: RBI Guv pic.twitter.com/YKulKb9bD0
— ANI (@ANI) May 22, 2020
इससे पहले मार्च में केंद्रीय बैंक ने एक मार्च 2020 से 31 मई 2020 के बीच सभी सावधि ऋण के भुगतान पर तीन महीनों की मोहलत दी थी. इसके साथ ही इन तरह के सभी कर्जों की अदायगी को तीन महीने के लिए आगे बढ़ा दिया गया था.
कर्ज स्थगन के तहत लोगों से कर्ज के लिए उनके खातों से ईएमआई नहीं ली गई. रिजर्व बैंक की ताजा घोषणा के बाद 31 अगस्त को ऋण स्थगन की अवधि खत्म होने के बाद ही ईएमआई भुगतान शुरू होगा.
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मुद्रास्फीति के अनुमान बेहद अनिश्चित: दास
आरबीआइ के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण मुद्रास्फीति का दृष्टिकोण बेहद अनिश्चित है और दालों की बढ़ी कीमतें चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि कीमतों में नरमी लाने के लिए आयात शुल्क की समीक्षा करने की जरूरत है.
#WATCH LIVE: Reserve Bank of India (RBI) Governor Shaktikanta Das holds a briefing. https://t.co/wN6XQckKe1
— ANI (@ANI) May 22, 2020
उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष की पहली छमाही में प्रमुख मुद्रास्फीति की दर स्थिर रह सकती है और दूसरी छमाही में इसमें कमी आ सकती है. उनके मुताबिक चालू वित्त वर्ष की तीसरी या चौथी तिमाही में मु्द्रास्फीति की दर चार प्रतिशत से नीचे आ सकती है.
इसके अलावा दास ने कहा कि महामारी के बीच आर्थिक गतिविधियों के प्रभावित होने से सरकार का राजस्व बहुत अधिक प्रभावित हुआ है.
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