
New Delhi: देश कोरोना वायरस के संकट से जूझ रहा है. 21 दिनों के लिए लॉकडाउन है. लोग घरों में कैद है, उद्योग-धंधे बंद पड़े हैं.
संकट की ऐसी घड़ी में भारतीय रिजर्व बैंक ने इकोनॉमी को बूस्ट करने की कोशिश की है. आरबीआइ ने रेपो रेट में बड़ी कटौती की है. रेपो रेट की यह कटौती आरबीआइ इतिहास की सबसे बड़ी है.
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Repo rate reduced by 75 basis points to 4.4.%. Reverse repo-rate reduced by 90 basis points to 4%: RBI Governor Shaktikanta Das pic.twitter.com/eBb0WPAG21
— ANI (@ANI) March 27, 2020




रेपो रेट में 75 बेसिस प्वांइट की कटौती की गयी. अब नई दर 4.4% हो गयी है. रेपो रेट कटौती का फायदा होम, कार या अन्य तरह के लोन सहित कई तरह के ईएमआइ भरने वाले करोड़ों लोगों को मिलने की उम्मीद है. आरबीआइ ने रिवर्स रेपो रेट में भी 90 बेसिस पॉइंट की कटौती करते हुए 4 प्रतिशत कर दी है.
इसके साथ ही आरबीआइ ने बैंकों से लोन की ईएमआइ दे रहे लोगों को 3 महीने तक के राहत की सलाह दी है. हालांकि, ये आदेश नहीं देश के बैंकों को रिजर्व बैंक की सलाह है.
रेपो रेट में बड़ी कटौती
कोरोना वायरस के कारण पैदा हुए संकट के बीच केंद्रीय बैंक ने राहत देने की घोषणा की है. मीडिया को संबोधित करते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट घटाने का ऐलान किया है.
उन्होंने कहा कि आरबीआइ पर वित्तीय स्थिरता बनाये रखने की जिम्मेदारी है. कोरोना का असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है. आरबीआइ ने कहा कि बैंकों को ये सुनिश्चित करना है कि लोगों के पास पैस की कमी ना हो.
रेपो रेट में 75 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गयी है. और नयी दर 4.4% हो गयी है. वहीं रिवर्स रेपो केट में 90 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गयी है, जिसके बाद नयी दर 4% हो गयी है.
गवर्नर ने कहा कि कोरोना के कारण वैश्विक मंदी का संकट है. दुनिया की अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता का दौर है. ऐसे में CRR (Cash Reserve Ratio) को घटाने का फैसला किया गया. सीआरआर 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गयी है. कटौती करके CRR 3 प्रतिशत कर दिया गया है. यह एक साल तक की अवधि के लिए किया गया है.
It has been decided to reduce the Cash Reserve Ratio (CRR) of all banks by 100 basis points to 3% of Net Demand and Time Liabilities with effect from the fortnight beginning March 28 for a period of 1 year: RBI Governor Shaktikanta Das pic.twitter.com/KWL16uge9O
— ANI (@ANI) March 27, 2020
बता दें कि गुरुवार को राहत पैकेज के ऐलान में वित्त मंत्री ने इस पर कुछ नहीं कहा था. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी पीएम मोदी को पत्र लिखकर यह मांग की है कि लोगों के लोन ईएमआइ भुगतान को छह महीने के लिए टाल दिया जाए.
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EMI में तीन महीनों की राहत
रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कटौती के साथ-साथ भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के दूसरे बैंकों को लोन की ईएमआइ दे रहे लोगों को 3 महीने तक के राहत की सलाह दी है.
All commercial banks including regional rural banks, cooperative banks,NBFCs (including housing finance companies)&lending institutions are being permitted to allow a moratorium of 3 months on payment of installments in respect of all term loans outstanding as on March 1: RBI Guv pic.twitter.com/L6xl2lpu1w
— ANI (@ANI) March 27, 2020
हालांकि, ये आरबीआइ का आदेश नहीं, सिर्फ सलाह दी है. आसान शब्दों में कहा जाये तो अब गेंद बैंकों के पाले में है. यानी बैंकों को अब तय करना है कि वो आम लोगों को ईएमआइ पर छूट दे रही हैं या नहीं.
इसके अलावा बैंक ही ये तय करेंगे कि वो कौन से लोन होंगे जिनपर ईएमआइ की छूट दे रहे हैं. मतलब ये कि रिटेल, कमर्शियल या अन्य तरह के लोन लेने वाले लोगों के लिए अब भी एक तरह का कन्फ्यूजन बना हुआ है.
हालांकि, आरबीआई ने जीडीपी ग्रोथ रेट और महंगाई रेट को लेकर आंकड़े नहीं जारी किए हैं. औऱ ये पहली बार है जब आरबीआइ ने आंकड़े पेश नहीं किए हैं.
न्यूज विंग की अपील
देश में कोरोना वायरस का संकट गहराता जा रहा है. ऐसे में जरूरी है कि तमाम नागरिक संयम से काम लें. इस महामारी को हराने के लिए जरूरी है कि सभी नागरिक उन निर्देशों का अवश्य पालन करें जो सरकार और प्रशासन के द्वारा दिये जा रहे हैं. इसमें सबसे अहम है खुद को सुरक्षित रखना है. न्यूज विंग की आपसे अपील है कि आप घर पर रहें. इससे आप तो सुरक्षित रहेंगे ही दूसरे भी सुरक्षित रहेंगे.
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