
Rakesh Ranjan
Jamshedpur: एनडीटीवी का मालिकाना अडानी समूह के हाथों जाने की खबर के बाद इससे जुड़े पत्रकार रवीश कुमार की खासतौर से चर्चा हो रही है. पत्रकारिता में अपने स्टैंड को लेकर देश में सत्तासीन भाजपा और उसकी सरकार से छत्तीस का रिश्ता होने की वजह से यह कयास लगाये जा रहे हैं कि बदले हालात में रवीश शायद ही एनडीटीवी का हिस्सा बने रह पायें. हालांकि, तात्कालिक प्रतिक्रिया में उन्होंने कयासों से इत्तेफाक नहीं रखा है. आइये जानिए बिहार की धरती का यह लाल किस तरह देश-दुनिया में जाना-माना नाम बन गया. बड़ा ही रोचक है रवीश कुमार का सफरनामा.
एक प्रसिद्ध भारतीय पत्रकार, मीडिया व्यक्तित्व और लेखक हैं रवीश जो एनडीटीवी पर अपने शो प्राइम टाइम के लिए जाने जाते हैं. रवीश कुमार एनडीटीवी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी संपादक हैं और चैनल के प्रमुख वीकडे शो हम लोग, रवीश की रिपोर्ट, देश की बात और प्राइम टाइम सहित कई कार्यक्रमों की मेजबानी करते हैं. उन्हें देश के लोगों को प्रभावित करनेवाले मुद्दों के अभूतपूर्व कवरेज के लिए वर्ष के सर्वश्रेष्ठ पत्रकार के लिए दो बार रामनाथ गोयनका उत्कृष्टता पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. रवीश कुमार का जन्म 5 दिसंबर 1974 को बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के अरेराज के पास जितवारपुर गांव में बलिराम पांडेय के घर हुआ था. तीन भाई-बहन हैं. भाई ब्रजेश पांडेय राजनेता और बहन नीता कुमार पांडेय है. रवीश कुमार की शादी नयना दासगुप्ता से हुई है और उनकी दो बेटियां हैं. उनकी पत्नी दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज में इतिहास पढ़ाती हैं.
पटना के लोयोला हाई स्कूल से पढ़ाई
रवीश कुमार ने अपनी हाई स्कूल की शिक्षा लोयोला हाई स्कूल पटना से प्राप्त की और बाद में उच्च अध्ययन के लिए दिल्ली चले गए. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के देशबंधु कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और फिर भारतीय जनसंचार संस्थान से हिंदी पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा में दाखिला लिया. रवीश कुमार 1996 में एनडीटीवी इंडिया में शामिल हुए. वह एक रिपोर्टर से एक वरिष्ठ कार्यकारी संपादक के रूप में एक वरिष्ठ पद पर तेजी से बढ़े. एनडीटीवी पर रवीश की रिपोर्ट, हम लोग और प्राइम टाइम सहित रवीश कुमार के कई शो देश में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले टीवी शो में से एक माने जाते हैं. उनके अधिकांश शो महत्वपूर्ण सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों को कवर करते हैं. गौरतलब है कि पहली ‘रवीश की रिपोर्ट’ पहाड़गंज पर थी. अपनी रिपोर्टिंग के लिए उन्हें पहले भी जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं.
रवीश कुमार को मिले ये पुरस्कार
रवीश कुमार को उनकी पत्रकारिता के लिए विभिन्न पुरस्कारों और प्रशंसाओं से सम्मानित किया गया है. इनमें रेमन मैग्सेसे पुरस्कार, पत्रकारिता पुरस्कार में रामनाथ गोयनका उत्कृष्टता पुरस्कार, हिंदी में सर्वश्रेष्ठ समाचार एंकर के लिए भारतीय समाचार टेलीविजन पुरस्कार, कुलदीप नैयर पत्रकारिता पुरस्कार, पत्रकारिता के लिए गौरी लंकेश पुरस्कार, हिंदी पत्रकारिता और रचनात्मक साहित्य के लिए गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार, मुंबई प्रेस क्लब द्वारा वर्ष का पत्रकार पुस्कार मिल चुका है.
रवीश कुमार की प्रकाशित हो चुकी हैं ये किताबें
- द फ्री वॉयस: ऑन डेमोक्रेसी, कल्चर एंड द नेशन
- बोलना ही है: लोकतंत्र, संस्कृति और राष्ट्र के बारे में (हिंदी)
- इश्क में शहर होना (हिंदी)
- देखते रहिये (हिंदी)
- रवीशपंती (हिंदी)
- प्यार में एक शहर होता है
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