
Ranchi: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाती है. इस साल रथ यात्रा 1 जुलाई को निकाली जाएगी. दो साल कोरोना के कारण रथ यात्रा का आयोजन नहीं किया जा सका था, लेकिन इस बार भक्तों को रथ यात्रा में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त होगा. 9 दिनों तक चलने वाली इस रथ यात्रा में सभी धार्मिक रीति-रिवाजों और नियमों का पालन किया जाएगा. जगरनाथपुर रांची की ऐतिहासिक रथ यात्रा की तैयारी जोर शोर से चल रही है.
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आज नए रथ की दो पहिये का निर्माण करके उसकी विधिवत पूजा जगरनाथपुर मंदिर के मुख्य पुजारी श्री रामेश्वर पाढ़ी जी ने कराया. रथ निर्माण का कार्य अक्षय तृतीया से ही विधिवत रुप से शुरू कर दी गई थी. ज्ञात हो कि आज ही पूरी ओड़िशा में भी रथ की पहिये की विधिवत पूजा अर्चना की गई तत्पश्चात रांची जगरनाथपुर की रथ की पूजा की गई.



आगामी 14 जून को स्नान यात्रा होगी जिसे देव स्नान भी कहा जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अत्यधिक स्नान के कारण भगवान जगन्नाथ और दोनों भाई बहन बीमार पड़ जाते हैं. जिसके कारण उनको एकांतवास में रखा जाता है, राजवैद्य उनका इलाज करते हैं. करीब 15 दिनों तक कोई पूजा नहीं होती हैं, 15 दिनों तक आराम करने के बाद भगवान और उनके भाई बहन का दिव्य श्रृंगार किया जाता है, उसे नेत्र दान भी कहा जाता है इस बार नेत्र दान की तिथि 30 जून को है. 1 जुलाई को जगन्नाथ महाप्रभु अपने भ्राता बलभद्र एवम बहन सुभद्रा जी के साथ 9 दिनों के लिए मौसी बाड़ी जाएंगे.9 जुलाई को गंज भोज के बाद 10 जुलाई को घूरती रथ का आयोजन किया जाएगा.



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