
Ranchi: राजधानी रांची के मेन रोड इलाके में हुई हिंसा मामले में पुलिस ने अब तक 29 लोगों को गिरफ्तार किया है और कई लोगों पर एफआईआर दर्ज की है. पुलिस जांच में जो बाते सामने आयी है, इससे पीएफआई कनेक्शन से इंकान नहीं किया जा सकता है. हिंसा में पीएफआई का कनेक्शन सामने आ रहा है. आरोप है कि पीएफआई के इशारे पर रांची में हिंसा फैलाई गई है. ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी कर सकती है. हालांकि देश में पीएलएफआई से जुड़े कई मामले की जांच एनआईए जैसी संस्थान कर भी रही है. वहीं रांची उपद्रव की जांच एनआईए से हो इसके लिये झारखंड हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की गयी है. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की कोर्ट में सुनवाई चल रही है.
ईडी एनआईए जैसी केद्रीय एजेंसी कर रही है जांच
पीएफआई मामले की जांच ईडी और एनआईए जैसी केद्रीय जांच एजेंसी कर रही है. ईडी PMLA के तहत PFI फंडिंग की जांच भी कर रहा है. मार्च 2021 में कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के केरल, दिल्ली और कर्नाटक के कई ठिकानों पर एनआईए के छापे पड़े थे. एनआईए यह तलाशी पीएफआई के आईएसआईएस आतंकी संगठन से संबंधों को खंगालने के मकसद से छापेमारी कर रही थी. पीएफआई/एसडीपीआई से संबंधित व्यक्तियों के एक समूह ने केरल के कन्नूर जिले के नारथ में 23 अप्रैल 2013 को एक आतंकवादी शिविर का आयोजन किया था जिसमें विस्फोटक और हथियारों की ट्रेनिंग दी जा रही थी. इस मामले को एनआईए ने टेकओवर किया था. एनआईए ने पीएफआई को कई मामलों में नामजद किया है.


इसे भी पढ़ें: Jharkhand Weather Alert: झारखंड के इन जिलों में होगी बारिश, ठनका से रहें बचकर, मौसम विभाग ने जारी किया ALERT




क्या है पीएफआई?
बाबरी विध्वंस के बाद बने केरल में तीन मुस्लिम संगठन नैशनल डिवलेपमेंट फ्रंट ऑफ केरल, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु के मनिथा नीथि पसारी को मिलाकर 2006 में पीएफआई की लांचिंग की गई थी. PFI के पॉलिटिकल फ्रंट का नाम SDPI है. पीएफआई खुद को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला संगठन बताता है. यह भी बताया जाता है कि संगठन की स्थापना 2006 में नेशनल डवेलपमेंट फ्रंट के उत्तराधिकारी के रूप में हुई थी. संगठन की जड़े केरल के कालीकट से हुई और इसका मुख्यालय दिल्ली के शाहीन बाग में स्थित है? पीएफआई का दावा है कि अब 22 राज्यों में उसकी यूनिट है. पीएफआई के अधिकतर नेता केरल से हैं और सदस्य बैन संगठन सिमी से हैं.
यहां जानिए इसके बारे में
-पीएफआई का विवादों से पुराना नाता है. साल 2012 में कर्नाटक हाईकोर्ट ने पीएफआई की गतिविधियों को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया था.
-गृह मंत्रालय के मुताबिक, नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान कई क्षेत्रों में PFI सक्रिय रहा है.
-पूर्व केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने एक बार कहा था कि स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) यानी सिमी के कई कार्यकर्ता अब पीएफआई में शामिल हो चुके हैं.
-धर्मांतरण को लेकर कई मामलों में PFI का नाम आता रहा है.
इसे भी पढ़ें: जातीय जनगणना को लेकर नीतीश सरकार ने ब्लू प्रिंट किया तैयार, सरकारी शिक्षक से लेकर जीविका दीदी जनगणना में लेंगी भाग