
Ranchi: डोरंडा स्थित मेकॉन कॉलोनी के रहने वाले 69 वर्षीय सुरेंद्र प्रसाद के परिजनों ने मौत के बाद उनका देह रिम्स में मेडिकल स्टूडेंट्स की पढ़ाई के लिए दान कर दिया. मंगलवार को सुबह 11 बजे उनका पार्थिव शरीर रिम्स के एनाटॅामी विभाग को सौंप दिया गया. परिजनों ने बताया कि वे पश्चिम बंगाल में हिंदुस्तान मोटर्स में कार्यरत थे. रिटायरमेंट के बाद रांची में अपने भाई के साथ रहते थे. उनकी इच्छा थी कि मृत्यु के बाद उनका देह दान कर दिया जाए. साथ ही कहा था कि मरने के बाद यदि उनका शरीर किसी काम आ जाये तो यही सच्चा मोक्ष होगा. परिजनों ने यह भी बताया कि समाज सेवा से जुड़े रहते हुए उन्होंने तकरीबन 55 लावारिस लाशों का दाह संस्कार किया था. सोमवार को उनकी सांसें थम गईं और उनकी इच्छाअनुसार शव रिम्स को सौंप दिया गया.
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एमबीबीएस फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स को शारीरिक संरचना की शिक्षा देने में इनके शरीर का उपयोग किया जाएगा. एनाटॉमी विभाग में स्टूडेंट्स को शरीर का वाह्य, आंतरिक और सूक्ष्मदर्शी अध्ययन कराया जाएगा. वहीं रिम्स के पीआरओ ने बताया कि रिम्स के वेबसाइट पर देहदान (बॉडी डोनेशन) फॉर्म उपलब्ध है. इच्छुक लोग इस फॉर्म को दो सेट में भर कर रिम्स में जमा कर सकते हैं. मृत्यु के बाद सूचना मिलने पर रिम्स से एम्बुलेंस भेजा जाता है और इसके लिए कोई चार्ज नहीं लिया जाता. बताते चलें कि रिम्स में अब तक 37 लोगों ने बॉडी डोनेट करने का संकल्प लिया है और 6 बॉडी रिम्स को मिल चुके हैं.