
Ranchi : 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी और झारखंड के डीजीपी डीके पांडेय शुक्रवार को रिटायर्ड हो गए. इनके सम्मान में विदाई समारोह का आयोजन किया गया. यह आयोजन डोरंडा के जैप-1 ग्राउंड में किया गया.
इस मौके पर सबसे पहले अधिकारियों को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके बाद स्वागत भाषण दिया गया. 25 फरवरी 2015 को 1984 बैच के आईपीएस डीके पांडेय ने राज्य के 11वें डीजीपी के रूप में पदभार ग्रहण किए थे.
उन्होंने तत्कालीन डीजीपी राजीव कुमार का स्थान लिया था. गौरतलब है कि डीजीपी डीके पांडेय को तीन महीने का कार्यकाल विस्तार मिलने को लेकर चर्चा थी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.


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35 वर्षों के कार्यकाल में बहुत कुछ सीखने को मिला : डीके पांडेय
इस मौके पर डीजीपी डीके पांडेय ने कहा कि चार साल का कार्यकाल झारखंड में काफी अच्छा रहा. कुल 35 वर्ष के कार्यकाल में बहुत कुछ सीखने को मिला. मैं आज तक जनता की सेवा करते आया हूं और आगे भी जनता की सेवा करने का इच्छुक हूं.
डीजीपी ने पुलिसवालों को नसीहत देते हुए कहा कि वे समर्पण और जवाबदेही से कार्य करें, ताकि समाज में पुलिस की छवि बेहतर हो सके. अपने जीवन में तमाम उतार-चढ़ाव देखने वाले डीजीपी डीके पांडेय ने बिहार के सीतामढ़ी जिले में 1988 में बतौर एसपी करियर की शुरुआत की थी. वे साहिबगंज, रेल जमशेदपुर के एसपी भी रहे.
अपने सेवाकाल में सीआरपीएफ में भी योगदान दे चुके पांडेय ने कहा कि वे अब समाज सेवा करेंगे. बता दें कि बॉटनी से पीएचडी व अपने समय के गोल्ड मेडलिस्ट रहे डीके पांडेय का मिशन प्रोफेसर बनना था, लेकिन परिस्थितियों ने उन्हें पहले भारतीय वन सेवा का अधिकारी बनाया और बाद में भारतीय पुलिस सेवा के लिए चुने गए.
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केएन चौबे हो सकते हैं झारखंड के अगले डीजीपी
1986 बैच के आईपीएस अधिकारी केएन चौबे झारखंड के अगले डीजीपी हो सकते हैं. वर्तमान डीजीपी डीके पांडेय का कार्यकाल 31 मई को खत्म हो रहा है. ऐसे में डीजीपी के चयन के लिए तीन नामों का पैनल तय हुआ था.
जिनमें वीएच देशमुख, केएन चौबे और नीरज सिन्हा के नाम शामिल थे. नये डीजीपी की नियुक्ति को लेकर 16 मई को यूपीएससी में मुख्य सचिव और डीजीपी डीके पांडेय के साथ बैठक हुई थी.
केएन चौबे अभी बीएसएफ में पदस्थापित हैं. झारखंड सरकार ने उनकी सेवा वापस करने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया है. हालांकि सरकार के किसी अधिकारी ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है.