
Ranchi: राजधानी रांची को साफ-सुथरा बनाने के अलावा व्यवस्थित करने की जिम्मेदारी रांची नगर निगम की है. इसके प्रति जनप्रतिनिधियों की भूमिका भी अहम है. जिससे कि शहर की समस्याओं पर चर्चा करते हुए उसका समाधान किया जा सके. लेकिन 5 महीने से रांची नगर निगम में लोगों की समस्याओं पर चर्चा ही नहीं हुई है. इतना ही नहीं योजनाओं पर काम भी वार्ड में नहीं हो रहा है. ऐसे में अब पार्षद भी निगम के चक्कर लगाकर थक चुके हैं, लेकिन अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रहा है. अब पार्षद यहीं कह रहे हैं कि नगर निगम के अधिकारी शहर से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा ही नहीं करना चाहते इसलिए बोर्ड की बैठक से भाग रहे हैं.
वार्ड 34 के पार्षद बिनोद कुमार सिंह का कहना है कि हमलोग बार-बार बैठक बुलाने की मांग कर रहे हैं. वार्ड के विकास के लिए योजनाएं भी बनाकर दीं. इसके बावजूद अधिकारी बैठक नहीं बुला रहे हैं. अब तो एक साल बाद फिर से चुनावी साल होगा, जनता हमसे जवाब मांग रही है.
वार्ड 15 के पार्षद जेरमिन कुजूर ने कहा कि अधिकारी अपनी मर्जी से योजनाओं को पास कर रहे हैं. हमें तो इसकी कोई जानकारी भी नहीं मिलती है. बोर्ड की बैठक बुलाकर समस्याओं पर चर्चा होनी चाहिए. लेकिन अधिकारी इससे भाग रहे है और इसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ रहा है.


वार्ड दस के पार्षद अर्जुन यादव का कहना है कि अधिकारी बोर्ड की बैठक बुलाने के मूड में नहीं है. हर महीने बैठक कर उसमें समस्याओं पर चर्चा होनी चाहिए. अधिकारी बैठक ही नहीं बुला रहे हैं. ऐसे में समझना मुश्किल हो रहा है कि विकास कैसे होगा. कुछ योजनाओं पर काम शुरू हुआ है, लेकिन बैठक होने से उसपर चर्चा होती.



