
Jaipur: राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है. और पार्टी के युवा नेता सचिन पायलट डिप्टी सीएम हैं. सूबे की गहलोत सरकार ने करीब एक साल में विज्ञापन पर 25 करोड़ रुपये खर्च किये हैं.
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जिसमें विभिन्न न्यूजपेपर्स और अन्य प्रकाशनों में विज्ञापन दिये गये. लेकिन इन सरकारी विज्ञापनों में सिर्फ सीएम अशोक गहलोत की ही तस्वीरें प्रकाशित की गई. डिप्टी सीएम सचिन पायलट की एक भी फोटो किसी विज्ञापन में नजर नहीं आया. राजस्थान के स्टेट इन्फोर्मेशन एंड पब्लिक रिलेशन डिपार्टमेंट ने इस बात की पुष्टि की है.


25 करोड़ का एड प्रकाशित हुई




केवल सीएम की फोटो
राजस्थान की गहलोत सरकार ने सत्ता में रहते हुए एक साल में तकरीबन 25 करोड़ रुपए विज्ञापन में खर्च किये. और इस बात की जानकारी एक आरटीआइ के जरिये हुई है.
एडवोकेट सहीराम गोदारा ने एक आरटीआइ दाखिल कर राजस्थान सरकार से इस संबंध में जवाब मांगा था. जिसके जवाब में राजस्थान के इन्फोर्मेशन एंड पब्लिक रिलेशन विभाग ने बताया कि दिसंबर 2018 से लेकर नवंबर 2019 तक के समय में राज्य सरकार ने 62 एजेंसियों को, जिनमें राष्ट्रीय और क्षेत्रीय न्यूजपेपर्स भी शामिल हैं, करीब 25 करोड़ के विज्ञापन दिये.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का हुआ पालन- गहलोत
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, जब सीएम अशोक गहलोत से 25 करोड़ के विज्ञापन में डिप्टी सीएम और पार्टी के युवा नेता सचिन पायलट की एक भी तस्वीर प्रकाशित नहीं करने को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन कर रही है.
सुप्रीम कोर्ट के निदेशों के मुताबिक “प्रधानमंत्री, विभागीय मामलों में कैबिनेट मंत्री की तस्वीरें ही प्रकाशित की जा सकती हैं, अगर जरुरी हों तो. वहीं राज्यों में सिर्फ सीएम और विभागीय मामलों में उस विभाग के कैबिनेट मंत्री की तस्वीर विज्ञापन में प्रकाशित की जा सकती है.”
हालांकि इस बारे में सचिन पायलट ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
एमपी में सियासी संकट के बाद उठ रहे सवाल
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में आये सियासी संकट को पार्टी और प्रदेश की सियासत में ज्योतिरादित्य की अनदेखी से जोड़कर देखा जा रहा है. वहीं इस राजनीतिक संकट ने बरबस ही लोगों का ध्यान राजस्थान की ओर खींच लिया है.
जहां अशोक गहलोत जैसे सीनियर लीडर सीएम और सचिन पायलट डिप्टी सीएम हैं. दरअसल दोनों ही राज्यों में इसे कांग्रेस के बुजुर्ग नेताओं और महत्वकांक्षी युवा नेतृत्व के बीच जारी खींचतान के संदर्भ में देखा जा रहा है.
हालांकि, एमपी की तुलना में राजस्थान में स्थिति बेहतर है. क्योंकि सचिन पायलट राजस्थान के डिप्टी सीएम होने के साथ-साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. हालांकि बीते दिनों राजस्थान के कोटा में नवजात बच्चों की मौत पर पायलट और गहलोत के बयानों में भिन्नता देखी गई थी.
वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने पर अशोक गहलोत ने जहां उन पर तीखा हमला बोलते हुए उन्हें ‘मौकापरस्त’ करार दिया था. वहीं पायलट ने ‘इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा था कि चीजें पार्टी के अंदर समन्वय बनाकर सुलझायी जा सकती थीं.’
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