
Patna : पूर्णिया के श्रम अधीक्षक आलोक रंजन और उनके सहायक मनोज कुमार को 55 हजार रुपये रिश्वत लेते पटना निगरानी विभाग की टीम ने धर दबोचा. शुक्रवार को दोनों की गिरफ्तारी उनके कार्यालय से ही हुई. गिरफ्तार करने के बाद निगरानी की टीम दोनों को पटना लेकर चली गयी.
निगरानी विभाग के डीएसपी अरुण पासवान ने बताया कि एक फर्नीचर शोरूम के मैनेजर विजय कुमार की शिकायत पर यह कार्रवाई की गयी. उन्होंने बताया कि फर्नीचर शो रूम बनाने के एवज में नगर निगम को लेबर सेस के रूप में एक लाख 99 हजार 560 रुपये जमा करने थे.
इसे भी पढ़ें :झारखंड के जिलों में कोवैक्सीन की 1 लाख डोज भेजी गयी, रांची को सबसे ज्यादा 8600


जब मैनेजर विजय कुमार डीडी लेकर गया तो श्रम अधीक्षक आलोक रंजन के सहायक मनोज कुमार ने कहा कि श्रम अधीक्षक के लिए 50 और लेबर लाइसेंस के लिए 10 हजार रुपये अलग से देना होगा.




इसके बाद 55 हजार में मामला तय हुआ. विजय ने इसकी शिकायत निगरानी से विभाग से की. जांच के बाद मामला सच पाया गया. इसके बाद सुनियोजित तरीके से जैसे ही शुक्रवार को विजय ने सहायक मनोज कुमार को 55 हजार रुपये दिये.
इसके बाद जैसे मनोज ने सारे पैसे श्रम अधीक्षक के हाथ में दिये निगरानी की टीम ने दोनों को धर दबोचा. निगरानी टीम में प्रशिक्षु डीएसपी समीर चंद्र झा, इंस्पेक्टर संजय कुमार चतुर्वेदी, शशिकांत कुमार आदि शामिल थे.
इसे भी पढ़ें :केंद्रीय मंत्रिमंडल से कायस्थ समाज के सभी मंत्रियों को हटाया जाना दुर्भाग्यपूर्णः सुबोधकांत सहाय