
Ranchi: झारखंड हाइकोर्ट में बुधवार को टाटा सबलीज मामले को लेकर जनहित याचिका दाखिल की गयी है. मिली जानकारी के अनुसार दुर्गा उरांव नाम के व्यक्ति ने टाटा सबलीज मामले को लेकर जनहित याचिका दाखिल की है.
इसमें पीएसी की अनुशंसा के अनुरूप पैसे की रिकवरी की मांग की गयी है. प्रार्थी का आरोप है कि मुख्यमंत्री रघुवर दास के बेटे और परिजन की नौकरी के होने के कारण रिकवरी नहीं हो पा रही है.
पीएसी की अनुशंसा के अनुरूप टाटा पर 17.26 करोड़ रुपये का बकाया है. बता दें कि टाटा सबलीज मामले में हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने वाले दुर्गा उरांव ने मधु कोड़ा के खिलाफ भी पीआइएल दायर की थी.
क्या है टाटा सब लीज मामला
मिली जानकारी के अनुसार झारखंड सरकार तथा कपंनी ने 20 अगस्त 2005 को पट्टेदारी के समझौते पर हस्ताक्षर किये थे. 20 अगस्त 2005 को झारखंड सरकार एवं मेसर्स टाटा स्टील लिमिटेड के बीच निष्पादित लीज एकरारनामा में स्पष्ट उल्लेख है कि टाटा स्टील से सबलीज पर ली गयी जमीन या उस पर निर्मित मकान-दुकान को किसी दूसरे को फिर सबलीज पर नहीं दिया जा सकता.
इसके बावजूद बड़ी संख्या में सबलीज धारकों ने सबलीज किया. टाटा ने लीज की शर्तों के अनुसार क्षेत्र को विकसित करने के लिए 59 कंपनियों को सबलीज किया था. सरकार ने जांच में पाया कि सबलीज में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी की गयी है. इससे राज्य सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व की क्षति हुई है.
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