
Ranchi : भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी के दुमका और बेरमो उपचुनाव को लेकर दिये बयानों पर अब जेएमएम ने पलटवार किया है. पार्टी प्रवक्ता सह महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि बाबूलाल मरांडी के चेहरे पर अब हार व निराशा पूरी तरह से दिख रही है. जेएमएम नेता ने कहा कि दुमका और बेरमो की जनता अब भारतीय जनता पार्टी के बहकावे में नहीं आनेवाली है. क्षेत्र की जनता ने भाजपा को पूरी तरह से दिखा दिया है. वे समझ चुके हैं कि राज्य की सुरक्षा अगर किसी के पास है, तो केवल झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास. बता दें कि बाबूलाल ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा था कि दुमका औऱ बेरमो दोनों जगहों पर जनता एनडीए के लिए भरोसा दिखा चुकी है. ऐसे में हेमंत सरकार समझ नहीं पा रही कि ऐसी स्थिति का सामना कैसे किया जाये.
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बाबूलाल हताश और निराश हैं
बाबूलाल मरांडी को हताश व निराश बताते हुए सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि उन्हें भाजपा से ज्यादा जेएमएम की चिंता ज्यादा है. पूरे चुनावी दौरे में उन्होंने केवल पूछा कि स्टीफन मरांडी, सीता सोरेन या नलिन सोरेन कहां हैं. जबकि उन्हें पूछना चाहिए कि इस चुनाव में अर्जुन मुंडा कहां रहे. केवल सोरेन परिवार पर हमला बोलनेवाले बाबूलाल को बताना चाहिए कि किस राजनीतिक अवसरवादिता के तहत उन्होंने भाजपा का दामन थामा. वो भी तब, जब पिछले कई सालों से वे बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ते रहे. सुप्रियो ने कहा कि अगर बाबूलाल यह नहीं बताते हैं, तो 10 नवंबर को दुमका और बेरमो की जनता इसका जवाब भाजपा और उन्हें जरूर दे देगी.
बसंत सोरेन को स्थानीय वोटर नहीं बताने के बयान पर पलटवार करते हुए जेएमएम नेता ने कहा कि बाबूलाल जब 1998 और 1999 में दुमका से चुनाव जीते थे, तो क्या वे स्थानीय थे. स्थिति यह है कि संथाल के तीन जिले दुमका, जामताड़ा, पाकुड़ और पूरे कोल्हान मंडल में भाजपा का कोई नाम लेनेवाला नहीं हैं. जबकि कोल्हान प्रमंडल से ही भाजपा के दो नेता सीएम और एक प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं.
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