
Hazaribagh : कोरोना संकट में जहां लोग एक दूसरे की मदद कर जीवन बचाने का काम कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इस आपदा को अवसर मान लोगों की मजबूरी का फायदा उठाने में जुटे हैं. हजारीबाग के निजी एंबुलेंस चालक भी कोरोना के नाम पर मरीजों से मनमाने पैसे वसूल रहे हैं.
जबकि सरकार ने इनके लिए किराये की राशि फिक्स कर दी है लेकिन हजारीबाग के निजी एंबुलेंस चालकों को सरकार का कोई खौफ नहीं है. यह सरकार द्वारा निर्धारित राशि से 4 से 5 गुना ज्यादा किराया वसूल रहे हैं. एंबुलेंस चालकों का तर्क है कि कोरोना संक्रमण में वे अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं तो पैसा तो मनमाना लेंगे ही.
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क्या है मामला


शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज में नई भर्ती एक कोरोना मरीज को धनबाद शिफ्ट करवाना था. मरीज के परिजन जब एंबुलेंस की खोज करने लगे तो पहले तो कई एंबुलेंस चालकों ने ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं होने का बहाना बनाया. इसके बाद में इन लोगों ने मरीज के परिजनों से ₹13000 की मांग की. जबकि धनबाद की दूरी हजारीबाग से महज 130 किलोमीटर है.
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बरही से हजारीबाग लाने के वसूल लिए 12 हजार
वहीं एक मरीज को चतरा छोड़ने के लिए मेडिकल कॉलेज परिसर में लगे निजी एंबुलेंस चालकों द्वारा 10,000 रुपए की मांग की गई . वहीं बरही से हजारीबाग एक मरीज को छोड़ने आए एंबुलेंस चालक ने मरीज के परिजनों से ₹12000 ले लिए. अब ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि आपदा को अवसर समझने वाले इन निजी एंबुलेंस चालकों पर प्रशासन का डंडा कब चलेगा.
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क्या है प्रावधान है
अभी हाल ही में राज्य सरकार ने एंबुलेंस चालकों का भाड़े तय किया था. इसके मुताबिक सामान्य मरीज को ले जाने पर 10 किलोमीटर तक ₹500 उसके बाद ₹12 प्रति किलोमीटर किराया तय किया गया है. वहीं कोरोना मरीजों के लिए 10 किलोमीटर तक ₹600 और उसके बाद ₹14 प्रति किलोमीटर भाड़ा तय किया गया है. इसके साथ में पीपी किट के लिए ₹500 और एंबुलेंस की धुलाई के लिए ₹200 भी निर्धारित किए गए.इसके बाद भी निजी एम्बुलेंस चालकों की मनमानी जारी है.