
New Delhi: देश के कई राज्यों में किसानों के विरोध-प्रदर्शन के बीच संसद से पास हुए तीन कृषि बिलों पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हस्ताक्षर कर दिये हैं. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कृषि बिल कानून बन गये हैं.
जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार जल्दी ही इसकी अधिसूचना जारी कर सकती है. वहीं राष्ट्रपति ने J-K आधिकारिक भाषा बिल 2020 पर भी अपनी सहमति दे दी है. बता दें कि किसान और राजनीतिक दल कृषि विधेयकों को वापस लेने की मांग कर रहे थे लेकिन उनकी अपील काम नहीं आयी.
संसद के मॉनसून सत्र में लाये गए कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक-2020 को पहले संसद के दोनों सदनों की मंजूरी मिल चुकी है.


अब इस पर राष्ट्रपति की मुहर भी लग चुकी है. ये तीनों विधेयक कोरोना काल में पांच जून को घोषित तीन अध्यादेशों की जगह लेंगे.


इसे भी पढ़ें – एक साल से नहीं हुई है रिम्स गर्वनिंग बॉडी की मीटिंग, कई प्रपोजल अटके हैं
विपक्ष करता रहा विरोध
इस बीच अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने सभी राजनीतिक दलों और संगठनों से अनुरोध किया है कि किसान और खेतीहर मजदूर के हित में प्रदर्शन करें. उन्होंने कहा, ‘मैं सभी राजनीतिक दलों और संगठनों से आह्वान करता हूं कि वे देश के किसानों, कृषि श्रमिकों और कृषि उपज व्यापारियों के हितों की रक्षा करें. अकाली दल अपने आदर्शों से नहीं हटेगा.
इस बीच बुधवार को कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंचे. विपक्ष के प्रतिनिधिमंडल की तरफ से गुलाम नबी आजाद राष्ट्रपति से मिले.
कृषि विधेयकों को लेकर शिरोमणि अकाली दल के नेताओं ने दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की थी.
बता दें कि कृषि बिलों को लेकर पंजाब, हरियाणा और देश के अलग-अलग हिस्सों में किसान विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं पंजाब में किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है.
इसे भी पढ़ें – बिहार: पूर्व DGP गुप्तेश्वर पांडेय सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी में जेडीयू में हुए शामिल