
Ranchi : राज्य के सरकारी स्कूलों को जल्द खोलने की तैयारी चल रही है. कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक के बच्चों को स्कूल बुलाने की तैयारी की जा रही है.
अभी तक दसवीं और बारहवीं की क्लास शुरू हो चुकी है, लेकिन अब जूनियर क्लासों को भी इसी सत्र से शुरू किया जायेगा. शिक्षा परियोजना निदेशक शैलेश चौरसिया ने कहा कि कक्षाएं क्रमवार खोली जायेंगी.
पहले 9वीं और 11वीं की कक्षा खोलने पर विचार किया जा रहा है. उसके बाद अन्य कक्षाएं भी खोली जायेंगी. लेकिन कक्षाएं खोलने का निर्णय आपदा प्रबंधन विभाग के निर्देश के बाद ही होगा.


शिक्षा विभाग छठी से बारहवीं कक्षा शुरू करने के लिए शिक्षकों से राय मशविरा कर रहा है. साथ ही दूसरे राज्यों के स्कूलों का अध्ययन किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर अब ख़तरा काफ़ी कम हो गया है, जिसके बाद कम से कम छठी कक्षा के छात्र स्कूल आ सकते हैं.




स्कूल खुलने के बाद कोविड नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा. अभी तक दसवीं और बारहवीं कक्षा के शुरू होने से किसी तरह के संक्रमण का ख़तरा नहीं देखा गया है. साथ ही कोविड नियमों का पालन कर छात्र-छात्राएं स्कूलों मं सामान्य रूप से अध्ययन कर रहे हैं.
वैक्सीन मिलने से पहले ही आ सकेंगे स्कूल
कोरोना वैक्सीन मिलने से पहले ही है बच्चों को स्कूल बुलाने की हर तैयारी की जा रही है. विभागीय सूत्रों के अनुसार बच्चों के लिए वैक्सीन आने को लेकर दिशा-निर्देश नहीं मिल पाया है, जिस कारण अब अधिक इंतज़ार करना संभव प्रतीत नहीं होता है.
इस बीच स्कूल खोले जाने के बाद बच्चों को अपने अभिभावकों से सहमति पत्र लाना अनिवार्य होगा, जिसमें अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजे जाने को लेकर अपनी सहमति देंगे.
साथ ही 10वीं और बारहवीं कक्षा के लिए जो गाइड लाइन जारी की गयी है, उसी गाइडलाइन के अनुसार छोटे बच्चों को भी स्कूल बुलाया जा सकेगा.
परीक्षा की तैयारी को लेकर भी विभाग है सजग
अभी तक इन बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन करायी जा रही है. जिसमें इनके लिए लेरनेटिक्स ऐप से लेकर कई डिजिटल सुविधाएं दी गयी हैं. लेकिन अब परीक्षा की घड़ी जैसे-जैसे नज़दीक आ रही है वैसे-वैसे इन बच्चों की तैयारी बेहतर तरीक़े से कराने के लिए कक्षाओं का आयोजन करना अनिवार्य हो गया है.
क्या कहते हैं अधिकारी
छोटे बच्चों की कक्षाएं कोविड गाइडलाइन के अनुसार ही खुलेंगी, यह वही गाइडलाईन होगी जो दसवीं और 12वीं कक्षा के लिए जारी की गयी है. एक साथ सभी कक्षाओं को खोल पाना मुश्किल होगा, एक-एक फेज के अनुसार कक्षाएं खोली जायेंगी, जिस पर अभी मंथन चल रहा है.
इसमें शुरुआत में नौवीं व 11वीं, दूसरे चरण में सातवीं व आठवीं और तीसरे चरण में छठी कक्षा खोली जा सकती है. इस सारी चीजों को लेकर अंतिम निर्णय आपदा प्रबंधन का होगा, जिसके बाद दिशा-निर्देश जारी होगा.
शैलेश चौरसिया, निदेशक, (झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद) जेईपीसी