
- मोबाइल नेटवर्क है एक बड़ी बाधा
Ranchi: बियाबान औऱ जंगलों के बीच बसी पंचायतों में स्मार्ट क्लास रूम की तैयारी शुरू है. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन के जरिये गांवों का हुलिया बदलने की पहल हुई है. ग्रामीण विकास विभाग ने रामगढ़ की 6 पंचायतों को शहरी रंग रूप में ढालने का जतन शुरू किया है.
पतरातू प्रखंड की बिचा, हरिहरपुर, कंडेर, बारीडीह, पाली और सांकी पंचायत की स्कूलों में स्मार्ट क्लास रुम, कंप्यूटर लैब बनाये जाने हैं. सामुदायिक लाइब्रेरी भी बनायी जानी है. इसके लिये टेंडर जारी कर दिये गये हैं.
वैसे बिचा जैसी पंचायत में मोबाइल नेटवर्क की समस्या से फोन की घंटी आसानी से नहीं बजतीं. किसी भी स्कूल में बाउंड्री वाल नहीं है. फिर भी पंचायतों को उम्मीद बंधी है कि SPMRM की पहल से उनकी सूरत बदलेगी.
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SPMRM से ऐसे होगा बदलाव
श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन (SPMRM) के तहत रामगढ़ में 6 पंचायतों को चुना गया है. इसमें बिचा पंचायत को एक क्लस्टर बनाया गया है. इस पंचायत को सेंटर बनाते हुए इसके तहत 6 पंचायतों को शामिल किया गया है. इनमें बिचा सहित हरिहरपुर, कंडेर, बारीडीह, पाली और सांकी पंचायत शामिल है.
ग्रामीण विकास विभाग ने SPMRM के तहत इन पंचायतों के स्कूलों में स्मार्ट क्लास तैयार करने को टेंडर जारी किया है. सभी छह पंचायतों के 16 स्कूलों (प्राइमरी, मिडिल औऱ हाइ स्कूल) में कंप्यूटर लैब सहित स्मार्ट क्लास बनाया जाना है.
इससे इसमें पढ़ने वाले बच्चों को कंप्यूटर का उपयोग औऱ दूसरी चीजों को सीखने का मौका मिलेगा. जो एजेंसी स्मार्ट क्लास तैयार करेगी, उसे ही टीचरों को 6 महीने की ट्रेनिंग टीचरों को देनी होगी. इससे ये टीचर विद्य़ार्थियों की कंप्यूटर क्लास भी लेंगे.
इसी तरह स्मार्ट क्लास में सीसीटीवी कैमरा भी लगाया जायेगा. इससे टीचर औऱ स्टूडेंट्स पर नजर रखी जा सकेगी. बिचा पंचायत भवन में सामुदायिक लाइब्रेरी भी तैयार किये जाने का प्लान है.
लाइब्रेरी के लिये किताब और फर्नीचरों की जरूरतों को देखते हुए भी टेंडर जारी कर दिया गया है. गांव में खेलकूद को बढ़ावा देने को खेल सामग्रियां भी टेंडर के जरिये मंगायी जा रही हैं.
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34 करोड़ हो चुके हैं खर्च
SPMRM के तहत बिचा क्लस्टर पर अलग अलग स्कीमों पर अब तक 33.95 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं. इस क्लस्टर के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं के लिये केंद्र सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिये 131.19 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं.
बारीडीह, कंडेर और सांकी के लिये 52-52 योजनाओं पर काम होना है. बिचा में 79, हरिहरपुर में 57 औऱ पाली के लिये 48 स्कीमों को फाइनल किया गया है.
क्या कहती है पंचायत
बिचा के मुखिया महेश बेदिया कहते हैं कि SPMRM के तहत 3 साल पहले से उनके यहां चर्चा चल रही है. पंचायत ने प्रशासनिक आदेश पर वीडीपी, डीपीआर की प्रक्रिया भी पूरी कर दी थी. उनकी पंचायत पहाड़ी पर बसी है. नेटवर्क की समस्या पूरानी है.
जितने भी स्कूल हैं, उनमें बाउंड्री वाल नहीं है. फिर भी आशा है कि अब गांव का शहरीकरण तेजी से होगा. हरिहरपुर के मुखिया अमरनाथ महतो के अनुसार 50 से अधिक योजनाएं पंचायत की ओर से दी गयी हैं. उन पर अगर धरातल पर काम दिखे तो गांव बदले.
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