
Jamshedpur : जुगसलाई रेलवे फाटक पर ट्रेन से कटकर बिष्टूपुर निवासी प्रीतपाल सिंह और उनकी बेटी की मौत के मामले में मृतक की मामी संतोष कौर की जमानत याचिका मंगलवार को हाई कोर्ट से खारिज हो गई है. घटना 30 जून 2021 की शाम की है. मामले में प्रीतपाल सिंह के भाई समेत अन्य परिजनों पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. पुलिस नें आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इसमें मृतक की मामी संतोष कौर भी शामिल थी. उसकी जमानत याचिका पूर्व में निचली अदालत से खारिज हो चुकी है.
सुसाइडल नोट से खुला था मामला
जुगसलाई फाटक के पास बिष्टूपुर निवासी टाटा स्टीलकर्मी प्रितपाल सिंह सैनी (51) व उसकी बेटी बलजीत सिंह (21) ने सुसाइड नोट छोड़ते हुए ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली थी. सुसाइड नोट में प्रितपाल सिंह ने अपने बड़े भाई परमजीत सिंह सैनी पर उसकी पत्नी के साथ दुष्कर्म करने और मामले में पुलिस की ओर से कार्रवाई नहीं करने के कारण मानसिक रूप से प्रताड़ित होने की बात लिखी थी.


30 जून की शाम को घटी थी घटना




शाम 7 बजे प्रितपाल सिंह सैनी और उसकी बड़ी बेटी बलजीत सैनी जुगसलाई फाटक के पास पहुंचे थे. वहां प्रितपाल सिंह ने एक सुसाइड नोट लिखा और उसपर अपने बड़े भाई परमजीत सिंह सैनी की फोटो लगाकर उस पर हत्यारा लिखते हुए लोगों को दिखाया और कहा कि उसका बड़ा भाई ही उसकी हत्या का कारण है. इसके बाद देखते ही देखते दोनों पिता-पुत्री ट्रेन के सामने कूद गए.
7 माह पूर्व दर्ज कराई थी दुष्कर्म की प्राथमिकी
प्रितपाल सिंह ने गत 16 दिसंबर 2020 को बिष्टूपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि उसके बड़ा भाई परमजीत सिंह सैनी पिछले कई दिनों से उसकी पत्नी के साथ दुष्कर्म कर रहा है. मामले में अब तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की गई. वारंट भी निकल चुका था. प्रितपाल ने वरीय पदाधिकारियों के कई बार चक्कर काटे, पर परमजीत सिंह सैनी को पुलिस और बड़े नेताओं का संरक्षण प्राप्त होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं की गई थी.
केस उठाने की मिली थी धमकी
दुष्क्रर्म का मामला दर्ज कराने के बाद परमजीत और उसके साथी प्रितपाल और उसके परिवार को केस वापस लेने और बयान बदलने के लिए लगातार धमका रहे थे. इससे पूरा परिवार भयाक्रांत और मानसिक रूप से प्रताड़ित था.
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