
NewDelhi : अवमानना मामले में वकील प्रशांत भूषण की सजा पर सुप्रीम कोर्ट में बहस चल रही है. वहीं अपने बयानों को लेकर प्रशांत भूषण ने कोर्ट से माफी मांगने से भी इंकार कर दिया. प्रशांत ने कोर्ट में कहा कि मेकी तरफ से किया गया ट्वीट एक नागरिक की जिम्मेदारी के तौर पर छोटी सी कोशिश थी. प्रशांत ने कहा कि अवमानना मामले में उन्हें दोषी ठहराये जाने पर चोट पहुंची है.

अटॉर्नी जनरल के के वेणु गोपाल ने कहा माफ करें
वहीं इस मामले पर अटॉर्नी जनरल के के वेणु गोपाल ने कहा कि – मॉय लॉर्ड, इस केस में प्लीज प्रशांत भूषण को माफ कर दें
जिसपर जस्टिस मिश्रा ने कहा कि, आप इस तरह की दलील बिना भूषण का जवाब जानें ना दें. प्रशांत भूषण ने देखिये अपने जवाब में क्या कहा है.इनके जवाब से ही बचाव नहीं बल्कि आक्रमकता झलकती है. जस्टिस मिश्र ने कहा कि हम इन्हें माफ नहीं कर सकते. साथ ही कहा जबकर अपने बयान पर प्रशांत भूषण पुनर्विचार नहीं करते, तब तक ऐसा संभव नहीं है.
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माफी मांगने से प्रशांत ने किया इंकार
इससे पहले कोर्ट में खड़े होकर प्रशांत भूषण ने महात्मा गांधी के बयानों को यादकर कहा कि, मैं कोई दया दिखाने के लिए नहीं कह रहा हूं, बल्कि मैं सिर्फ दरियादिली दिखाने के लिए कह रहा हूं. साथ ही कहा कि कोर्ट मुझे जो भी सजा देना चाहता है, मैं उसके लिए तैयार हूं.
वहीं अवमानना मामले में वकील प्रशांत भूषण ने किसी तरह की माफी मांगने से इंकार करते हुए कहा कि, माफी मांगना मेरे लिए अवमानना जैसा होगा.
उस दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि, अपने बयानों पर विचार के लिए कोर्ट उन्हें कुछ समय देना चाहता है.वहीं जस्टिस मिश्रा की अधयक्षता वाली बेंच ने कहा कि इस मामले पर हम फैसला तुरंत नहीं देंगे. और इसपर विचार के लिए प्रशांत भूषण को 2-3 दिन का समय देंगे.
क्यूरेटिव पिटीशन डालने पर कर रहे विचार – प्रशांत के वकील
वहीं सुनवाई के दौरान इससे पहले प्रशांत के वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि हमारे पास 30 दिन का वक्त समीक्षा याचिका दायर करने का समय है. साथ ही कहा कि इसमें क्यूरेटिव पिटीशन डालने पर भी वे विचार कर रहे हैं. दवे ने सजा पर सुनवाई के लिए दूसरे बेंच को देने की अपील करते हुए कहा कि ये जरूरी नहीं कि यही बेंच इसमें सजा सुनाये.
इससे आगे अपील में दवे ने ये भी कहा कि यदि लॉर्डशिप सुनवाई को समीक्षा तक टालेंगे तो कोई आसमान नहीं गिर जायेगा. दवे की अपील के बाद मामले की सुनवाई कर रहे बेंच के जज जस्टिस गवई ने इसे दूसरी बेंच को ट्रांसफर करने से इंकार कर दिया.
यहां बता दें कि जस्टिस अरूण मिश्रा के नेतृत्व वाली बेंच ने वकील प्रशांत भूषण को बीते हफ्ते 14 अगस्त को दोषीठहराया था. तीन जजों की बेंच ने प्रशांत को न्यायपालिका के खिलाफ अपमानजनक दो ट्वीट को कोर्ट की आवमानना मानते हुए दोषी ठहराया था. अब कोर्ट अवमानना के मामले में प्रशांत भूषण की सजा पर 20 अगस्त को बहस सुनेगा.
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