
Ranchi : बिजली की आंख मिचौली से प्रदेश की जनता परेशान है. अलग अलग इलाकों में आठ से नौ घंटे तक बिजली की कटौती की जा रही है. ग्रामीण इलाकों की स्थिति तो और भी बदतर है. राज्य उर्जा संचरण की मानें तो पिछले कुछ दिनों से राज्य में दो सौ मेगवाट तक बिजली की लोड शेडिंग हुई. अधिकारियों ने इसका मुख्य कारण सेंट्रल पुल से मिलने वाली बिजली में कमी बताया. पिछले दिनों राज्य के अपने स्रोत सिकिदरी हाइडल पावर प्लांट भी पानी की कमी के कारण बंद किया गया. प्लांट एरिया में 25 फीट नीचे पानी का स्तर चला गया है. वहीं, टीवीयूएनएल के दोनों यूनिट से बिजली उत्पादन शुरू है. राज्य को सेंट्रल पुल से लगभग 700 मेगावाट बिजली मिलती है. इसमें 60 मेगावाट तक की कमी हुई है. जिससे राज्य में ये स्थिति है. वहीं, डीवीसी कमांड एरिया में छह नवंबर से 50 फीसदी बिजली कटौती जारी है.

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राजधानी में 20 मेगावाट तक कम बिजली
राजधानी रांची के अलग अलग इलाकों में घंटों बिजली गुल हो रही है. पिछले दिनों रांची के अलग अलग इलाकों में दस से बारह घंटे तक बिजली कटौती की गयी. जिसकी वजह बिजली की अनुपलब्धता रही. रांची विद्युत आपूर्ति क्षेत्र में बिजली उपलब्धता में 20 मेगावाट तक की कमी दर्ज की गयी. जिससे इलाकें में कटौती हुई. विद्युत आपूर्ति क्षेत्र के महाप्रबंधक पीके श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले दिनों बिजली की उपलब्धता में कमी रही. जबकि शनिवार सुबह से स्थिति सामान्य बतायी गयी. मालमू हो कि बिजली की कमी से नामकुम, हटिया और कांके ग्रिड को बिजली कम मिली. ओड़िशा में एनटीपीसी के पावर प्लांट में तकनीकि खराबी आने के कारण राज्य में बिजली कटौती की जा रही है.
क्या है बिजली की मांग
राज्य में सामान्य दिनों में 1200 से 1300 मेगावाट तक बिजली की मांग रहती है. जबकि राज्य को मिलने वाली बिजली पहले 1250 मेगावाट तक रहती थी. इसमें से टीटीपीएस और सिकिदरी प्लांट में उत्पादित बिजली भी शामिल है. टीटीपीएस की बात करें तो इसकी कुल उत्पादन क्षमता 210-210 मेगावाट प्रति यूनिट है. प्रत्येक यूनिट से 153 मेगावाट बिजली उत्पादन किया जाता है. वहीं आधुनिक पावर प्लांट से 183 मेगावाट, सिकिदरी से 105 मेगावाट बिजली उत्पादन किया जा रहा है. जबकि सेंट्रल पुल से 700 मेगावाट तक बिजली दी जाती है. जिसमें 50 से 60 फीसदी कमी है.
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