लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा प्रचारक के रूप में यहां सोमवार को पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिवर्तन महारैली के दौरान विजय का शंखनाद किया और जनता से खंडित जनादेश की बजाय पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने की अपील की। रमाबाई अंबेडकर मैदान में जुटे जनसमूह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, “पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के काफी फायदे होते हैं और इसका असर केंद्र में भी दिखाई दे रहा है। इसीलिए मैं उप्र की जनता से इस बात की अपील करता हूं कि वह खंडित जनादेश देने की बजाय पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के लिए मतदान करे।”
प्रधानमंत्री ने दावा करते हुए कहा, “केवल हम ही उत्तर प्रदेश की चिंता करते हैं। अब यहां पर परिवर्तन को आधा-अधूरा मत करना, पूरा करना।”
उन्होंने कहा, “देश में 30 साल के बाद ऐसी सरकार मिली है जिसका हाई कमान सवा सौ करोड़ की जनता के पास है। अब उत्तर प्रदेश में हमको अवसर दीजिए, हम आपको सुख-चैन से रहने का माहौल देंगे। हम गुंडागर्दी खत्म करके रहेंगे।”


मोदी ने कहा, “अब आप भारी बहुमत के साथ सरकार बनाएं ताकि उत्तर प्रदेश के भाग्य बदलने में कोई रुकावट ना आए।”


उन्होंने कहा, “नववर्ष के दूसरे ही दिन मैं यह कहने आया हूं कि परिवर्तन आधा-अधूरा मत करना। उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाना।”
मोदी ने कहा, “यहां पर एक दल अपने बेटे को स्थापित करने के लिए पिछले 15 वर्ष से कोशिश कर रहा है, लेकिन दाल नहीं गल रही है। एक दल ऐसा है कि उसके पेट में जब-तब चूहा कूदने लगता है। अभी दो दिन पहले आर्थिक कारोबार के लिए हमने ‘भीम’ नाम का एक एप लॉन्च किया, इसके लिए भी कुछ लोगों के पेट में चुहा कूदने लगा।” उनका इशारा बसपा प्रमुख मायावती की तरफ था।
मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में दो दल ऐसे हैं कि उनको लोग उत्तर तथा दक्षिण कहते हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की बात आने पर सब एक हो जाते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं कहता हूं कि देश से भ्रष्टाचार को हटाओ, कालाधन हटाओ तो वो कहते हैं कि मोदी हटाओ। एक दल और दल पूरी ताकत परिवार के भविष्य को बचाने में लगा है। सपा और बसपा किसी भी मुद्दे पर एक नहीं है, लेकिन मोदी के मुद्दे पर सपा-बसपा एक हो गए हैं। इस देश से भ्रष्टाचार खत्म होना चाहिए। कालाधन खत्म होना चाहिए कि नहीं? सिर्फ बीजेपी है, जिसे उत्तर प्रदेश को बचाना है।”
मोदी ने कहा, “देश की सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में अपने-पराए के चक्कर में विकास रुक जाता है। हम दो दलों के साथ राजनीति तो समझ सकते हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में तो जनता के साथ राजनीति हो रही है।”
उन्होंने कहा, “प्रदेश और देश की जनता के साथ राजनीति नहीं होनी चाहिए। विकास में राजनीति होती है तो विकास रुक जाता है। इस तरह से जनता पिछड़ती चली जाती है। हम यह बिल्कुल भी नहीं चाहते कि कोई भी विकास में राजनीति करे।”
मोदी ने कहा, “विकास को लेकर यूपी की सरकार कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है, हाथ ऊपर कर दिए। साथ ही किसानों को भी भड़काया। अगर केंद्र का पैसा सही रूप में खर्च हुआ होता तो यूपी आज कहां से कहां पहुंच गया होता। मैंने कभी सोचा नहीं था कि यूपी में सरकार ऐसी भी हो सकती है। इस कृत्य से मुझे बहुत पीड़ा हुई है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “केंद्र सरकार ने ‘भीम’ एप बनाया, क्योंकि बाबा साहेब की आर्थिक नीतियां ठीक थी। रुपया क्या होता है बाबा साहब ने निबंध लिखा था। बाबा साहब ने बैंकिंग, आर्थिक कारोबार के बारे में लिखा था। हमको उनके लेख से प्रेरणा मिली और हमने काफी काम किया।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बीते 14 वर्ष से विकास को वनवास दे दिया गया है, जिसे खत्म करने के लिए स्थिर सरकार बनाने की जरूरत है।
मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हवा का रुख क्या है, यह साफ-साफ नजर आ रहा है। उत्तर प्रदेश में लोग वर्षो बाद भी भाजपा के शासन को याद करते हैं। आज युग ऐसा है कि सरकार बदलने के छह महीने में ही पुरानी सरकार को लोग भूल जाते हैं।
उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में मुद्दा 14 वर्ष के वनवास का नहीं है। मुद्दा यूपी में 14 साल के विकास के वनवास का है। आज बड़े गर्व के साथ कह सकता हूं कि कल्याण सिंह, रामप्रकाश गुप्त और राजनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में चली सरकारों को लोग आज भी याद करते हैं।”
मोदी ने कहा कि आज 14 साल बाद भी लोग भाजपा की सरकार को याद करते हैं और वर्तमान सरकार के साथ तुलना करते हैं। जो लोग यूपी चुनाव का हिसाब-किताब लगा रहे हैं, यह रैली देखने के बाद उन्हें मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “अटल जी टीवी पर इस विशाल रैली को देखकर संतोष महसूस करेंगे। लखनऊ में उन्होंने अपनी जवानी का स्वर्णिम काल खपा दिया था। आज उनके कर्मक्षेत्र में मैंने जो रैली को संबोधित किया है, अपने जीवन में इतनी बड़ी रैली कभी नहीं देखी।”
याद रहे कि गुजरात दंगों के समय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा था, “आपने राजधर्म नहीं निभाया।” आज नोटबंदी के बाद देश का हाल देखकर अटल खुश होंगे या दुखी, यह कौन बताएगा?