Washington : रूस के कोरोना वायरस के टीके के ऐलान और उस पर छिड़े विवाद के बीच दवा कंपनियां अब एक नयी चीज यानी एक ऐसी दवा के परीक्षण में जुट गयीं हैं जो इस वायरस को नष्ट करने के लिए एंटीबॉडी बनायेगी.
एंटीबॉडी ऐसे ऐसा प्रोटीन है जिसे शरीर संक्रमण की गिरफ्त में आने के बाद बनाता है. वह वायरस के साथ जुड़ जाता है और उसे नष्ट कर देता है. टीका दूसरे सिद्धांत पर काम करता है.
इसे भी पढ़ें – Corona Update : बुधवार को झारखंड में 164 नये कोरोना पॉजिटिव मिले, कुल आंकड़ा पहुंचा 19724
प्रयोगशाला और पशुओं पर परीक्षण अच्छा रहा है
टीकाकरण या संक्रमण के बाद टीके को सबसे प्रभावी एंटीबॉडी बनाने में एक या दो महीने लग सकते हैं. प्रयोग से गुजर रहीं दवाइयां विशिष्ट एंटीबॉडी के कन्संट्रेटेड संस्करण देकर उस प्रक्रिया को दूर कर देती हैं और उनका प्रयोगशाला और पशुओं पर परीक्षण में बहुत अच्छा असर रहा है.
इसे भी पढ़ें – गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव हत्याकांड में शामिल शूटर राज सिंह की हत्या, प्रतिशोध में हत्या का शक, अमन श्रीवास्तव का हाथ
तत्काल सुरक्षा मिल सकेगी
उत्तरी कैरोलिना विश्वविद्यालय के वायरोलॉजिस्ट डॉ मैरोन कोहेन ने कहा कि किसी टीके को काम करने, एंटीबॉडी के विकास कराने में वक्त लगता है. लेकिन जब आप किसी को एंटीबाडी देते हैं तो उसे तत्काल सुरक्षा मिल जाती है.
समझा जाता है कि इन दवाइयों का एक या अधिक महीने तक असर रह सकता है और यह उच्च संक्रमण जोखिम वाले लोगों जैसे डॉक्टरों और कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति के परिवार के सदस्यों को तत्काल प्रतिरक्षा प्रदान कर सकती है.
ये दवाइयां प्रभावी साबित हेाती हैं और यदि टीका उम्मीद के अनुसार नहीं आ पाता है या सुरक्षा नहीं दे पाता है तो इन दवाओं के व्यापक इस्तेमाल के लिए विचार किया जा सकता है.
इसे भी पढ़ें – कांग्रेस प्रवक्ता राजीव त्यागी का निधन, दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत
Very good article! We are linking to this particularly great content on our site. Keep up the great writing.
I always spent my half an hour to read this web site’s articles or reviews daily along with a mug of coffee.
Thanks so much for the blog post.
Thank you ever so for you article post.
Like!! Thank you for publishing this awesome article.