
New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में शामिल रहे एजी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दे दिया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद इस हत्याकांड में शामिल छह अन्य दोषियों की रिहाई की उम्मीद बढ़ गई है. इनमें नलिनी श्रीहरन, मरुगन आदि शामिल हैं. रिहाई का आदेश पाने वाले पेरारिवलन फिलहाल उम्रकैद की सजा काट रहा है.

ये भी पढ़े : जमशेदपुर के टाटा मोटर्स में बने वाहन बंगलुरू में धूम मचा रहे

इसके पहले की सुनवाई में केंद्र सरकार ने राजीव गांधी हत्याकांड में 30 साल से ज्यादे की सजा काट चुके एजी पेरारिवलन की दया याचिका राष्ट्रपति को भेजने के तमिलनाडु के राज्यपाल के फैसले का बचाव किया था. कोर्ट में अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (एएसजी) केएम नटराज ने जस्टिस एल. नागेश्वर राव, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ को बताया कि केंद्रीय कानून के तहत दोषी ठहराए गए व्यक्ति की सजा में छूट, माफी और दया याचिका के संबंध में याचिका पर केवल राष्ट्रपति ही फैसला कर सकते हैं.
मालूम हो कि 21 मई 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में हत्याद हुई थी. 11 जून 1991 को पेरारिवलन को गिरफ्तार किया गया था. राजीव गांधी हत्याकांड मामले में सात लोगों को दोषी ठहराया गया था। सभी दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई थी, लेकिन साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे आजीवन कारावास में बदल दिया था. इसके बाद कोई राहत न मिलने के बाद ही दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
ये भी पढ़े : दरभंगा में 79 पुलिस पदाधिकारियों का तबादला, SSP ने SI रैंक के अधिकारियों को सौपीं नई जिम्मेदारी