
- चिदंबरम का आरोप, पिछले 5 वर्षों में डंबल इंजन की सरकार में राज्य का कर्ज पहुंचा 43000 से 85000 करोड़ रुपये
Ranchi : मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हाल ही में जमानत पर छूटे पूर्व केंद्रीय वित्त और गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि केंद्र की बीजेपी सरकार के समक्ष देश की संवैधानिक संस्था और मूल्यों का कोई मूल्य नहीं हैं.
बीजेपी की अपनी एक विचारधारा है, जिसका कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से विरोध करती है. कांग्रेस पार्टी का शुरू से संवैधानिक मूल्यों पर भरोसा है.


विधानसभा चुनाव के बीच रांची पहुंचे पी चिदंबरम ने कांग्रेस जेएमएम और आरजेडी गठबंधन की जीत का दावा किया है.




उन्होंने वादा किया कि गठबंधन की सरकार आयी तो राज्य के भूमिहीन गरीबों को भूमि का टुकड़ा दिया जायेगा, ताकि वे अपना घर बना सके. पी चिदंबरम ने इसे आवास का अधिकार नाम दिया है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह बातें शुक्रवार को कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान कही. उनके साथ प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह, सह-प्रभारी उमंग सिंघार, प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय उपस्थित थे.
इस दौरान पी. चिदंबरम ने राज्य में बढ़ते बेरोजगारी, भूखमरी सहित अन्य कई समस्याओं के लिए मोदी और रघुवर सरकार को जिम्मेवार ठहराया.
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रघुवर सरकार के कारण प्रति व्यक्ति आय में झारखंड पहुंचा 30वें स्थान पर
चिदंबरम ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था इन दिनों गंभीर समस्याओं से ग्रसित है. फरवरी 2019 के रिजर्व बैंक के अनुमानित आकंड़ों को देखे तो देश की आर्थिक विकास दर 7.4 प्रतिशत थी. जो कि दिसम्बर 2019 में घटकर 5 प्रतिशत से कम हो गयी है.
देश ने ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं देखी है. देश की अर्थव्यवस्था जब बढ़ी है, तो महाराष्ट्र, केरल के साथ झारखंड की आर्थिक दशा सुधरी है. वहीं जब राज्य की स्थिति गिरी है, तो अन्य राज्यों के तुलना में झारखंड की दशा काफी बदत्तर हुई है.
इसके लिए चिदंबरम ने राज्य की रघुवर सरकार की नीति को एक बड़ा कारण बताया. उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में रघुवर सरकार के विकास के दिये खोखले दावे को देखे, तो राज्य की आर्थिक विकास दर, राष्ट्रीय दर से 2 प्रतिशत कम है.
प्रति व्यक्ति आय की बात करें, तो रघुवर सरकार बनने के दौरान झारखंड देश के 33 राज्यों में 28वें स्थान पर था, जो आज घटकर 30वें पर पहुंच गया है.
पूरे देश में जहां गरीबी घटी है. वही झारखडं में इसकी संख्या बढ़ी है. 2011-12 से 2017-18 के दौरान गरीबी करीब 8.6 प्रतिशत बढ़ी है.
डबल इंजन की सरकार में राज्य पर कर्ज हुआ 43000 से 85000 करोड़
उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार देश और राज्य के लिए अच्छी है. लेकिन तब दोनों इंजन एक ही दिशा में काम करें. लेकिन बीजेपी वाली डबल इंजन की विपरित दिशा में काम कर रही है.
डबल इंजन के विकास को देखें, तो 2014-15 में राज्य के ऊपर कर्ज 43000 करोड़ था. जो कि 2018-19 में बढ़कर 85000 करोड़ हो गया है. 44 प्रतिशत राज्य के उद्योग घंधे पूरी तरह से बंद हो चूके हैं.
जमशेदपुर स्थित टाटा मोटर्स प्लांट के कई दिनों तक बंद होने की घटना राज्य में घट चुकी है.
झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स भी गत अगस्त माह में कई होर्डिंग के माध्यम से बता चुका है कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान राज्य भर के करीब 10,000 औद्योगिक इकाई बंद हो चुकी हैं.
बेरोजगारी की स्थिति यह है कि देशभर में जहां अंतिम माह नवम्बर में 7.9 प्रतिशत थी, वही झारखंड में 15.1 प्रतिशत है.
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लोकलुभावन वादे किये चिदंबरम ने
बीजेपी सरकार की नीतियों के विरोध करने के साथ पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने कई लोकलुभावान वादों की झड़ी भी लगा दी.
उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव बाद अगर राज्य में कांग्रेस की सरकार आती है, तो पार्टी निम्न मुद्दों को प्रमुखता से पूरी करेगी.
- प्रत्येक परिवार के एक व्यक्ति को रोजगार दिया जायेगा. ऐसा नहीं होने पर उसे बेरोजगारी भत्ता दिया जायेगा.
- किसानों को उनके फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2500 रुपये प्रति क्विटंल दिया जायेगा.
- मनरेगा योजना को जारी रखते हुए इसमें सभी बेरोजगारों को काम दिया जायेगा.
- राज्य के वैसे परिवार जिसके पास या तो भूमि या घर नहीं है, उसे भूमि का टुकड़ा दिया जायेगा ताकि वहां अपना घऱ बना सके. यानि ऐसे परिवार को घर का अपना अधिकार दिया जायेगा.
- 2 लाख रुपये तक का किसानों का कर्ज पार्टी माफ करेगी.
- संथाल परगना एक्ट और छोटानागपुर टेनांस एक्ट को सुरक्षित रखा जायेगा. एक्ट की अवेहलना कर बीजेपी सरकार में जितने भी भूमि अधिग्रहित की गयी है, कांग्रेस पार्टी उसे पूरी तरह से रद्द करेगी.
- राज्य में भूख से लगातार हो रहे मौत को देख पार्टी सभी लोगों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत जोडेगी. इसके लिए आधार को अनिवार्य नहीं कर ऐच्छिक किया जायेगा. हालांकि आधार से जोड़ने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जायेगा. चिदंबरम ने कहा कि यूपीए सरकार गरीबों को जहां 35 किग्रा अऩाज देती थी, जिसे घटाकर एनडीए ने 5 किग्रा कर दिया.
- इसके अलावा सरकार बनने पर पार्टी वन अधिकार कानून, भूमि अधिग्रहण कानून – 2013 और पेसा कानून को सुरक्षित कर मजबूती से लागू कराने का काम करेगी.
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