
Palamu : करीब 9 माह पूर्व परिवार से बिछड़ी महिला छोटी को पलामू जिला प्रशासन ने उसके परिवारजनों से मिलाया. छोटी उत्तर प्रदेश के एटा जिले के कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के नंदगांव की रहने वाली है. 33 वर्षीय छोटी की शादी उतर प्रदेश के ही अलीगढ़ जिले के वाजिदपुर बदरोई में नंद किशोर के साथ हुई है और उसके दो बच्चे हैं, जो क्रमशः 10 व 12 वर्ष के हैं. परिवार से बिछड़ने के बाद छोटी झारखंड के पलामू पहुंची थी.
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लॉक डाउन के दौरान जब कोविड-19 स्पेशल ट्रेन का परिचालन शुरू हुआ. उस दौरान वह स्टेशन पर भटकती मिली. उस समय वह मानसीक और शारीरिक रूप से काफी कमजोर थी. वह अपना नाम-पता भी नहीं बता पा रही थी. उसकी स्थिति को देखते हुए उसे पलामू के मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में इलाज कराया गया. छोटी से पूछने पर वह घर व परिजनों के बारे में टूटी-फूटी ही बातें बता पा रही थी. उसके बताये पते पर पलामू जिला प्रशासन ने उसके परिजनों को खोजना शुरू किया.
करीब एक माह पूर्व उसके परिजन मिले, जब परिजनों से बात हुई तो उन्हें खुशी का ठिकाना न था. मन में प्रसन्नता हुई. इसके बाद फोन-वीडिया कॉल के माध्यम से छोटी को उसके मां एवं भाई से बातचीत कराई गयी, तो सबकुछ सही पाया गया. अंत में उसके परिजन आज पलामू पहुंचे और छोटी को अपने साथ अपने गांव ले गये.
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समाहरणालय में हुई सुपुर्दगी की कार्रवाई
जिला समाज कल्याण विभाग, पलामू एवं ग्रामीण समाज कल्यण विकास मंच की ओर से समाहरणालय सभागर में सुपुर्दगी कार्रवाई की गयी. इसमें छोटी को उनके परिजनों को सौंपा गया. इस दौरान प्रशिक्षु आईएएस दिलीप प्रताप सिंह शेखावत, नजारत उप समाहर्ता शैलेश कुमार सिंह एवं जिला समाज कल्याण पदाधिकारी आफताब आलम ने छोटी एवं उसके परिजनों को उपहार सौंपा और छोटी की कुशलता की कामना करते हुए परिवारजनों से उसका सही से देखभाल करने की बातें कही.
प्रशिक्षु आईएएस ने जिला प्रशासन के पदाधिकारियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि छोटी का अच्छी तरह से यहां देखभाल किया गया और उनके परिजनों से संपर्क कर उसे सौंपा गया. यह अच्छी पहल है. जिम्मेदार प्रशासन की ओर हमलोग बढ़े हैं. दूसरों की समस्या को अपनी समस्या समझकर कार्य करेंगे, तो बेहतर है. इस तरह की पहल को आगे भी जारी रखेंगे.
नजारत उप समाहर्ता शैलेश कुमार सिंह ने कहा कि उन्होंने छोटी को उसके परिवारजनों से मिलाने को ठाना था, वह आज पूरा हुआ. अब छोटी परिवारजनों के साथ रहकर खुशहाल जीवन बिताएगी.
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी आफताब आलम ने कहा कि जिला प्रशासन ने सकारात्मक सोच और बेहतर पहल कर छोटी को मिलाने का काम किया है. यह पलामू जिला प्रशासन के लिए बड़ी उपलब्धी है. मौके पर बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश कुमार, संरक्षण पदाधिकारी केडी पासवान, ग्रामीण समाज कल्याण विकास मंच के सचिव मो0 हशमत रब्बानी, उज्जवला गृह की प्रबंधक स्वर्णलता रंजन, वार्डन रूमप तिवारी सहित अन्य लोग उपस्थित थे.
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नजारत उप समाहर्ता ने दिखाई व्यक्तिगत रुचि
पलामू के नजारत उप समाहर्ता शैलेश कुमार सिंह ने व्यक्तिगत संजीदगी दिखाते हुए छोटी को उसके परिजनों से मिलाने की ठान ली. शुरूआत में उन्हें भी उम्मीद न के बराबर थी, लेकिन उन्होंने सोचा प्रयास से सफलता मिलेगी. ग्लोबल युग में हर काम आसान है. उनके परिजनों से मिलाने के लिए वे अनूठा प्रयास करते हुए तकनीक का सहारा लिया.
वे भारत निर्वाचन आयोग के वेबसाइट से उसके परिजनों तक पहुंचने का प्रयास किया और इसमें सफल भी हो गये. पहले उतरप्रदेश के जिलाधिकारी फिर थाना प्रभारी तक पहुंचे इसके बाद उसके गांव वाले और फिर भाई से बात हो गयी. छोटी के परिजनों को देख नजारत उप समाहर्ता भी खुश थे कि उनका प्रयास सफल हुआ, छोटी अब अपने घर जाएगी.
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परिजनों ने छोड़ दी थी उम्मीद
पलामू पहुंचे छोटी के परिजनों ने बताया कि मायके से छोटी ससुराल जाने के लिए घर से निकली थी. लेकिन बिछड़ गई. ससुराल नहीं पहुंचने के बाद उसके परिजनों ने खोजबीन शुरू की. उसके परिजन एवं ससुराल वालों ने खुब खोजबीन की, लेकिन वह नहीं मिली. थक-हार कर उसके पिरजन भगवान पर भरोसा कर इस उम्मीद पर बैठ गये कि वह जहां भी होगी, खुद ही घर पहुंचेगी.
जब पलामू जिला प्रशासन की ओर से उनके परिजनों को फोन आया तो प्रसन्न हो गये और छोटी को ले जाने की कोशिश में जूट गये. आर्थिक कमजोरी के कारण उन्हें यहां आने में काफी समय लग गया. उसके परिजनों ने पलामू जिला प्रशासन को इस पहल के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की पहल पर उनकी छोटी सकुशव व सुरक्षित मिल पायी. परिजनों ने बताया कि छोटी फरवारी माह से बिछड़ी थी.
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